सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला दिया। उसने एक तरह से राष्ट्रपति की जवाबदेही तय कर दी। उसने कहा राज्यपालों द्वारा भेजे जाने वाले विधेयकों पर राष्ट्रपति 3 महीने में फैसला लें।