जर्मनी में मोदी के कहने पर सवालों पर रोक लगाई गई?
जर्मनी में मोदी को चांसलर के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस करनी थी । मोदी के कहने पर सवाल पूछने की इजाज़त नहीं दी गई । क्यों ? क्या उन्हें पत्रकारों के सवालों से डर लगता है या फिर सत्ता का ग़ुरूर है ? क्या ये लोकतंत्र की तौहीन नहीं है या जवाबदेही से बचने की कोशिश ?