यस बैंक डूब गया। हालाँकि पैसे मिलने की पूरी उम्मीद है, लेकिन मिलने में देरी होगी। पर सवाल है कि ऐसी स्थिति से बचने के लिए क्या किया जाए? दूसरे बैंक में भी खाता रखने वाले लोगों को करना चाहिए? देखिए आशुतोष की बात में सीएनबीसी आवाज़ के संपादक रहे और आर्थिक पत्रकार आलोक जोशी की सलाह।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।