15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के दिन, लाल क़िले से भारत के प्रधानमंत्री का भाषण, और कुछ नहीं बल्कि भारत के वर्तमान नेतृत्व के हालातों के बारे में संकेत देता है। किसी भी देश के प्रधानमंत्री के जैसे तेवर होंगे, जिन पहलुओं पर वो चर्चा करेगा और जिन पहलुओं पर वो चुप रहेगा, इन सबको मिलाकर ही उसकी योग्यता और नेतृत्त्व का आंकलन किया जायेगा, इसी तरह भारत के भी नेतृत्व की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है। भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी के 12वें भाषण से न चाहकर भी तमाम आंकलन बाहर आ गए।