वंदे मातरम् गीत के 150 साल पूरे होने की ख़ुशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया और इस ऐतिहासिक पल को पूरे साल भर मनाने का फ़ैसला भी लिया गया। लेकिन हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महान और दुर्लभ अवसर का भी अभद्र राजनीतिकरण कर डाला। 11 साल से दिल्ली की गद्दी पर बैठकर अपने किए गए कामों और उसके परिणामों पर बात करने का जोख़िम न उठाने वाले, और कांग्रेस को दिन रात कोसने में महारत हासिल कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि- 'आजादी की लड़ाई में वंदे मातरम् की भावना ने पूरे राष्ट्र को प्रकाशित किया था, लेकिन दुर्भाग्य से 1937 में वंदे मातरम के महत्वपूर्ण पदों को, उसकी आत्मा के एक हिस्से को अलग कर दिया गया था। वंदे मातरम् के टुकड़े किए गए थे। इस विभाजन ने देश के विभाजन के बीज भी बो दिए थे।'