लगभग 13 सालों तक मुख्यमंत्री के पद पर और 11 सालों से देश प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहने के बाद भी पीएम नरेंद्र मोदी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वो आज़ाद भारत के न सिर्फ़ सबसे असफल और थके हुए प्रधानमंत्री हैं बल्कि सबसे कमजोर और लापरवाह विज़न वाले नेता भी हैं। बिहार के समस्तीपुर में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा वो उनके भीतर समाई हुई व्यापक हताशा और गैर ज़िम्मेदार रणनीतियों की सार्वजनिक अभिव्यक्ति और स्वीकृति है। केंद्र की सत्ता में आने से पहले जिस देश के करोड़ों युवाओं को नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां बांटने का वादा किया था आज उसी देश के युवाओं को रील बनाने के गड्ढे में धकेल रहे हैं। जबकि आज 11 सालों में प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के बाद उन्हें अपने वादे के अनुसार देश के युवाओं को कम से कम 22 करोड़ नौकरियां दे देनी चाहिए थी। पर उन्होंने वादा किया, लोगों ने नरेंद्र मोदी को भारत की सत्ता सौंपी, उसके बाद वे अपना वादा भूल गए।
22 करोड़ नौकरियों का वादा किया, पर दिया ‘रील का नशा’!
- विमर्श
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- 26 Oct, 2025


मध्य प्रदेश में जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी
पीएम मोदी ने सत्ता में आने से पहले हर साल 2 करोड़ नौकरियाँ देने का वादा किया था और वह 11 साल से ज़्यादा समय से सत्ता में हैं, लेकिन अब वह युवाओं से सोशल मीडिया ‘रील्स’ की बात कर रहे हैं। क्या रोजगार संकट से ध्यान भटकाया जा रहा है?
नौकरी का मतलब होता है आर्थिक स्थायित्व और सुरक्षा, लेकिन अपनी प्रशासनिक अक्षमता, राजनैतिक चालाकी और नीतिगत लाचारी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वो वादे वाली नौकरियाँ प्रदान करने में असफल रहे, इसलिए उन्होंने युवाओं को लुभाने और बिहार में चुनाव जीतने के लिए ‘रील्स’ पर बात करना शुरू कर दिया। समस्तीपुर में एक रैली के दौरान उन्होंने कहा-
“मित्रो, इस सस्ते डेटा का सबसे बड़ा लाभ मेरे बिहार के नौजवानों ने उठाया है। जो रील्स बन रही हैं, उनमें सारी क्रिएटिविटी नजर आ रही है। यह बीजेपी और एनडीए की नीतियों का बड़ा योगदान है। हमने रील्स बनाना आसान कर दिया है, बिहार के कई नौजवान रील्स बनाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं।”
युवाओं को अपमानित करने का प्रयास?
नरेंद्र मोदी ने यह बयान असल में देश के युवाओं को लज्जित करने के लिए दिया है, यह बयान युवाओं को अपमानित करने का प्रयास है। मुट्ठीभर लोगों को छोड़ दिया जाये तो कोई भी युवा स्थाई करियर छोड़कर रील्स की दुनिया में नहीं घुसना चाहेगा, क्योंकि यहाँ अथाह अनिश्चितताएँ उसके फेल होने का इंतज़ार कर रही हैं, यहाँ घबराहट व्याकुलता और अवसाद उसके सिर पर मंडराते हैं। रील एक जुआ है जिसे युवाओं ने मजबूर होकर सरकार की नाकामी, सरकारों की लापरवाही, सरकारी धोखे से परेशान और निराश होकर अपनी जीविका के लिए चुना। उनकी आर्थिक बाध्यताओं का ऐसा मज़ाक? और मज़ाक के साथ साथ इससे चुनावी झूठ और सत्ता की एक और भूख मिटाने का प्रयास किया जा रहा है? देश का युवा शिक्षा पाना चाहता है, स्थायी रोजगार पाना चाहता है जिसमें पेंशन जैसी आर्थिक सुरक्षाओं की व्यवस्था हो। यह सब करने के लिए देश में रोजगार को लेकर एक नीतिगत ढाँचा होना चाहिए और यह सब तैयार करने के लिए चाहिए एक सक्षम नेतृत्व जो नरेंद्र मोदी देश को प्रदान करने में फेल हो चुके हैं। एक समय युवाओं को ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ से जोड़ने वाले नरेंद्र मोदी आज युवाओं को एक जीबी डेटा तक सीमित करना चाहते हैं जिससे उनकी कुर्सी सुरक्षित बनी रहे। करोड़ों की संख्या में आकांक्षी और ऊर्जा से भरपूर युवाओं को संबोधित करने के लिए इससे निर्लज्ज, संवेदनहीन और अश्लील भाषण नहीं दिया जा सकता, और दुर्भाग्य से इस भाषण को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया है, जो कि ऐतिहासिक है। इसी समस्तीपुर की सभा में उन्होंने आगे कहा कि-
“मित्रो..यह हमारी सरकार है जिसने इंटरनेट डेटा को इतना सस्ता बना दिया है कि आज बड़े-बड़े देशों में भी 1 जीबी डेटा 100-150 रुपये में उपलब्ध है। लेकिन आपके इस चाय वाले ने भारत में इसकी पुष्टि कर दी है कि 1 जीबी डेटा एक कप चाय से भी ज्यादा महंगा नहीं होगा।”
भारत के प्रधानमंत्री को बताया जाना चाहिए कि बिहार बेहाल है, और यह पूछा जाना चाहिए कि उनकी पार्टी और नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार ने बिहार को दिया क्या है? बिहार का युवा बेरोजगारी और पेपर लीक की दोहरी मार से त्रासदी की ओर बढ़ रहा है और जब वह इस त्रासदी की मार को बताने के लिए सड़क पर उतरता है तो पुलिस की लाठियाँ उस पर ऐसे बरसती हैं जैसे एक इन्सान के रूप में उसकी कोई गरिमा नहीं कोई स्तर नहीं। प्रधानमन्त्री कभी किसी मंच पर आकर इस लाठीचार्ज पर ही अफ़सोस जाहिर कर देते तो युवाओं पर पड़ी लाठियों का दर्द, कम से कम दर्ज हो जाता! पीएम को अपनी सत्ता की कभी न मिटने वाली भूख को अपना हुनर नही समझना चाहिए। उनकी सत्ताभूख अब देश के लिए विपत्ति बनती जा रही है।























