आज सप्तमी है। कल षष्ठी थी। दुर्गा के पट खुल गए होंगे। और उलटी गिनती भी शुरू हो गई है। दुर्गा के मायके से वापस अपने घर यानी पति शिव के पास लौटने की घड़ी क़रीब आती जा रही है। महालया से षष्ठी बेटी के मायके आने की उत्सुकता के दिन हैं। उसके बाद उसके अपने पतिगृह लौट जाने की अनिवार्यता का सामना करने की हिम्मत जुटाने का समय है।
दुर्गा के उपासकों तुमने देवी को प्रतिमा में क्यों तब्दील कर दिया है
- वक़्त-बेवक़्त
- |
- |
- 29 Sep, 2025
Durga Puja and Hindu Society: व्यक्तिगत स्मृतियों के जरिए दुर्गा पूजा के सार की पड़ताल जाने-माने चिंतक और स्तंभकार अपूर्वानंद ने की है। इस त्योहार की पवित्रता, समावेशी परंपरा से हटकर आधुनिक बदलाव पर सवाल किए गए हैं।
