आज सप्तमी है। कल षष्ठी थी। दुर्गा के पट खुल गए होंगे। और उलटी गिनती भी शुरू हो गई है। दुर्गा के मायके से वापस अपने घर यानी पति शिव के पास लौटने की घड़ी क़रीब आती जा रही है। महालया से षष्ठी बेटी के मायके आने की उत्सुकता के दिन हैं। उसके बाद उसके अपने पतिगृह लौट जाने की अनिवार्यता का सामना करने की हिम्मत जुटाने का समय है।