हिंदू अगर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा करते हैं तो वह राष्ट्रवादी उत्साह की अभिव्यक्ति है।हिंदुत्ववादियों को या हिंदुओं को अधिकार है कि वे मुसलमानों पर हिंसा करें।मुसलमानों को वह हिंसा बर्दाश्त करनी चाहिए, किसी तरह का प्रतिरोध नहीं करना चाहिए।अगर वे प्रतिरोध करते हैं और उसमें हिंसा होती है तो वह हिंसा अपने आप ही दहशतगर्द, राष्ट्रविरोधी कृत्य बन जाती है।
भारत में इंसाफ़ की खोज...क्या अब राष्ट्रद्रोह है मी लॉर्ड?
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

क्या आपकी नजर देश में होने वाली साम्प्रदायिक हिंसा के बाद उस पर आने वाले अदालती फैसलों पर रहती है। कासगंज में मुसलमान तिरंगा फहराना चाहते थे। हिन्दू संगठन भी तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। मकसद तिरंगा फहराना था। लेकिन हिंसा हो गई। एक शख्स की मौत हुई। अदालत ने कासगंज की उस घटना पर फैसला सुनाया है। स्तंभकार और जाने-माने चिंतक अपूर्वानंद ने अदालत के फैसले के मद्देनजर अपना नजरिया बताया है, लेकिन उस नजरिये पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। पढ़िये और विचार कीजियेः