हम अपने उन दोस्तों का क्या करें जो मुसलमानों से नफ़रत करते हैं? यह सवाल सिर्फ़ दोस्तों के बारे में नहीं, अपने रिश्तेदारों के संदर्भ में भी किया जा सकता है।यहाँ दो पक्ष स्पष्ट हैं: एक जिन्हें मैं ‘हम’ कह रहा हूँ और दूसरा अपने मित्रों, परिजनों का जिनके मन में मुसलमानों के प्रति घृणा है। ज़ाहिर यह यह हम हिंदुओं का है या ईसाइयों का भी हो सकता है।दूसरा पक्ष भी उन्हीं का है, यानी ईसाइयों और हिंदुओं का। यानी चलताऊ ज़ुबान में अपने लोगों का।
मुसलमान विरोधी नफरत क्या साफगोई है, सोचिए अपने 'गर्व' पर
- वक़्त-बेवक़्त
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- 5 May, 2025

सोशल मीडिया फोटो
भारत में मुस्लिम विरोधी नफरत का मुद्दा व्यापक हो गया है। रिश्तों पर इसके प्रभाव और अपनी नैतिक दुविधा पर मनन करें। जाने-माने चिंतक और स्तंभकार अपूर्वानंद क्या कह रहे हैं, जरूर पढ़िएः