बांग्लादेश में जगह जगह हिंदू अपनी हिफ़ाज़त की माँग करते हुए हज़ारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके साथ बड़ी तादाद में मुसलमान भी हैं। हिंदू इन प्रदर्शनों में धार्मिक नारे भी लगा रहे हैं। अंतरिम सरकार के सारे सदस्य उनके साथ खड़े हैं। कोई इन प्रदर्शकारियों पर यह कहकर हमला नहीं कर रहा कि ये हिंदू बांग्लादेश को बदनाम करने के भारतीय/अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र के औज़ार हैं, कि उन्हें सीमा पार से भड़काया जा रहा है। बांग्लादेशी हिंदू आत्मविश्वासपूर्वक कह रहे हैं कि वे बांग्लादेशी हैं और कोई उन्हें वहाँ से भगा नहीं सकता। वे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए विशेष प्रावधान की माँग कर रहे हैं। मालूम हुआ कि उनकी माँगों में एक माँग दुर्गापूजा के लिए 5 दिनों की छुट्टी की भी है। इससे उनकी मानसिक अवस्था का पता चलता है। वे अगर सिर्फ़ अपने जानोमाल को लेकर चिंतित होते तो दो महीना दूर पूजा उनके दिमाग़ में न होती!
बांग्लादेश के हिन्दू क्या चाहते हैं, राष्ट्रवादी हिन्दुओं जरा पता करो
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

बांग्लादेश की घटनाओं के फर्जी वीडियो बनाकर उसके सहारे भारत में हिन्दुओं को भड़काना एक अपराध है, लेकिन कहीं कोई एफआईआर या कार्रवाई नफरत फैलाने वाले वीडियो पर हुई। क्या आपने कभी सोचा कि अगर किसी देश में कोई अल्पसंख्यक लूटा-मारा जा रहा होगा तो उसकी पहली मांग दुर्गा पूजा की छुट्टी की मांग, संसद में रिजर्वेशन की होगी या पहले अपने जान-माल की सुरक्षा की होगी। लेकिन भारत के कथित राष्ट्रवादी अंध राष्ट्रभक्त इस पर विचार को तैयार नहीं। जाने-माने स्तंभकार अपूर्वानंद की आंख खोल देने वाली टिप्पणी पढ़िए और दोस्तों को पढ़वाइएः