2023 बीत चला। 2024 के कदमों की आहट अब तेज हो गई है। यह भी कहा जा सकता है कि भारत में 2023 एक तरह से अपनी ज़िंदगी जी नहीं पाया। 2023 का साल 2024 का या तो इंतज़ार था या उसकी आशंका। 2024 की छाया साल गुजरने के साथ 2023 पर लंबी होती गई है।‘ 2024 में क्या होगा?’, 2023 का सबसे बड़ा और महत्त्वपूर्ण सवाल यही था।
तीन राज्यों में जीत से 2024 को लेकर आशंका बढ़ गई है!
- वक़्त-बेवक़्त
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- 29 Mar, 2025

वर्ष 2024 को लेकर भारत में तमाम आशंकाएं हैं। इन आशंकाओं और अनगिनत समाधान के बीच झूल रहे इस देश में हमारी जिन्दगी का हर पहलू क्या अब राजनीतिक घटनाओं से तय होगा? या फिर भारत के समझदार लोग अपनी जिन्दगी के हर पहलू को राजनीति के भरोसे नहीं छोड़ेंगे। स्तंभकार और चिंतक अपूर्वानंद का नजरियाः