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बंगाल: स्थानीय लोग बोले- जवानों ने बग़ैर उकसावे के चलाई गोलियां 

कूचबिहार के शीतलकुची में हुई फ़ायरिंग में चार लोगों की मौत के मामले में स्थानीय लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है। स्थानीय लोगों ने बांग्ला अख़बार 'आनंद बाज़ार पत्रिका' को बताया कि शीतलकुची के जोड़ापाटकी इलाक़े में सुबह से ही तनाव था और टीएमसी व बीजेपी के कार्यकर्ताओं में झड़पें हुई थीं। लेकिन बूथ पर मतदान करने आए लोगों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों ने बग़ैर किसी उकसावे को गोलियां चलाईं और उनकी छाती पर गोलियां मारीं। 

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'आनंद बाज़ार पत्रिका' ने एक अन्य खबर में स्थानीय वाशिंदों के हवाले से कहा है कि शीतलकुची के पठानटोली शालबाड़ी गांव के बूथ नंबर 258 पर वोट देने गए आनंद बर्मन की मौत गोली लगने से हो गई। ख़बरों के मुताबिक, आनंद पहली बार वोट देने गए थे, लाइन में ही थे, लेकिन अचानक बीजेपी व तृणमल समर्थकों में झगड़ा हुआ और कहीं से गोलियां चलने लगीं। आनंद बर्मन ने भाग कर जान बचाने की कोशिश की लेकिन एक गोली उनकी पीठ में लगी। 

स्थानीय बीजेपी नेताओं ने दावा किया है कि आनंद बर्मन उनकी पार्टी से जुड़े हुए थे। बीजेपी ने आनंद की मौत के लिए टीएमसी को ज़िम्मेदार ठहराया है। लेकिन टीएमसी ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि यह बीजेपी की अंदरूनी मारपीट का मामला था। 

बाद में इस इलाक़े में रैपिड एक्शन फ़ोर्स यानी रैफ़ को उतारा गया। रैफ ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया। 

सीआईएसएफ़ का स्पष्टीकरण 

इस मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। सीआईएसएफ़ ने कहा है कि इस घटना में 5-6 शरारती तत्वों को गंभीर चोटें आईं और बाद में उनकी मौत हो गई। 

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सीआईएसएफ़ ने कहा है कि 150 लोगों का एक झुंड आया और इन लोगों ने बूथ नंबर 186 पर पहुंचकर वहां तैनात पोलिंग स्टाफ़ के साथ अभद्रता शुरू कर दी। उन्होंने बूथ पर तैनात होम गार्ड और आशा कार्यकर्ता से मारपीट की। 

सीआईएसएफ़ के मुताबिक़, इसमें शामिल लोगों ने वहां चुनाव ड्यूटी में तैनात कई और लोगों से मारपीट की। कुछ लोगों ने सीआईएसएफ़ के कर्मियों से हथियार लूटने की कोशिश भी की।

सीआईएसएफ़ ने आगे कहा है, “इसके बाद केंद्रीय बल के जवानों ने हवा में दो गोलियां चलाईं लेकिन लोग मनमानी करते रहे। इसी बीच, क्यूआरटी की टीम जब वहां पहुंची तो भीड़ सीआईएसएफ़ के जवानों की ओर बढ़ने लगी। अपनी जान को ख़तरे में देख जवानों ने भीड़ पर सात और गोलियां चलाईं।” 

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क़मर वहीद नक़वी
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