यूं तो बीते साल जुलाई में शपथ लेने के साथ ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच छत्तीस का आंकड़ा बनने लगा था। लेकिन इस महीने हुए घटनाक्रमों के बाद तो अब इन दोनों के रिश्ते प्वाइंट ऑफ़ नो रिटर्न तक पहुंच गए हैं। ऐसा शायद ही कोई दिन हो जब राज्यपाल अपने ट्वीट्स और बयानों के जरिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनकी सरकार और टीएमसी के नेताओं पर करारे हमले नहीं करते हों।