मंगलवार 20 फरवरी को एक सिख पुलिस अधिकारी को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर खालिस्तानी कहे जाने के बाद विवाद हो गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी साझा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल. वीडियो में सिख आईपीएस अधिकारी और प्रदर्शनकारी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस होती दिख रही है।

पुलिस और भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के एक समूह के बीच बहस के दौरान आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर खालिस्तानी कहा गया था। जसप्रीत भाजपा नेताओं से कह रहे हैं-  "आप मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं क्योंकि मैंने पगड़ी पहन रखी है। क्या यह आपकी हिम्मत है? अगर कोई पुलिसकर्मी पगड़ी पहनकर अपनी ड्यूटी करता है, तो वह खालिस्तानी हो जाता है? क्या यह आपका स्तर है?" वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से गुस्से में सिंह को भाजपा समूह से कुछ कहते हुए सुना जा सकता है। बीजेपी नेता, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, पुलिसवालों से निष्पक्षता से अपना कर्तव्य निभाने के लिए कहती नजर आ रही हैं।

सीएम ममता बनर्जी ने घटना की निंदा की और कहा कि बीजेपी सोचती है कि पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट किया, "मैं हमारे राष्ट्र के प्रति उनके बलिदान और अटूट दृढ़ संकल्प के लिए सम्मानित हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे।"

इंडिया टुडे के मुताबिक वीडियो में भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल को धमाखाली में तैनात पुलिस अधिकारी के साथ बहस करते हुए दिखाया गया है। यह टकराव तब हुआ जब पुलिस ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले में अशांत संदेशखली का दौरा करने से रोक दिया। सुवेंदु अधिकारी के साथ अग्निमित्रा पॉल भी थीं। हालांकि बाद में सुवेंदु को वहां से जाने दिया गया।

वीडियो में दिख रहे पुलिस अधिकारी 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह हैं। सिंह वर्तमान में पश्चिम बंगाल पुलिस में विशेष अधीक्षक (सीआईडी) के पद पर तैनात हैं।

कांग्रेस ने भी इस घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस ने एक्स पर कहा, "बीजेपी के लोगों का गिरा हुआ व्यवहार देखिए। एक पुलिस अधिकारी जिसने दिन-रात देश की सेवा की, उसे खालिस्तानी कहा गया क्योंकि उसने पगड़ी पहनी थी। यह बहुत ही गिरी हुई मानसिकता है।"
कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस मामले के लिए बीजेपी की 'नफरत' को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा, "अपना ‘राजनीतिक बाज़ार’ सजाने के लिए भाजपा द्वारा की गई ‘नफरत की खेती’ का ज़हर समाज में फैल चुका है।"
सोशल मीडिया पर आम लोगों ने भी एक सिख पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहे जाने की काफी निन्दा हो रही है। तमाम लोगों ने लिखा है कि रह-रह कर भाजपा का साम्प्रदायिक चेहरा सामने आ ही जाता है। कभी किसी की दाढ़ी पर तो कभी किसी की पगड़ी को भाजपा निशाना बनाती है।