पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने आशंका जताई है कि भारत में जब तक आम चुनाव नहीं हो जाते, पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण बने रहेंगे। उन्होंने कहा है कि भारत में चुनाव के पहले कुछ भी हो सकता है। ब्रिटिश अख़बार 'फ़ाइनेंशियल टाइम्स' से बातचीत में इमरान ख़ान ने कहा कि पुलवामा में हमले के बाद उन्हें ऐसा लगा था कि भारत अब कुछ न कुछ करेगा और भारत ने किया। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तानी वायु सीमा का उल्लंघन किया और पाकिस्तान के अंदर आकर बम गिराए। ऐसे में भारत को जवाब देना ज़रूरी था और पाकिस्तान ने जवाब दिया।
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ख़ान ने पुलवामा हमले की चर्चा की और इसमें पाकिस्तान का हाथ होने से साफ़ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'जैश-ए-मुहम्मद भारत में सक्रिय है, 19 साल के जिस लड़के ने इस हमले को अंजाम दिया वह भारत के कश्मीर का रहने वाला है। उसके माता-पिता ने कहा कि किस तरह सैनिकों के दुर्व्यवहार की वजह से उसका रेडिकलाइजेशन हुआ।'
हमला करने वाला वह लड़का भारतीय था, विस्फोटक भारतीय था, वह गाड़ी भारत की थी, यह भारतीय ऑपरेशन था, पाकिस्तान पर आरोप क्यों लगाया गया?
ग़ौरतलब है कि भारत ने आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के संस्थापक अज़हर मसूद के बारे में विस्तृत फ़ाइल पाकिस्तान को सौंपी थी। संयुक्त राष्ट्र ने भी उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान से कहा। इमरान ख़ान का कहना है कि उनकी सरकार ने जैश के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। उसके मदरसे को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया। उस पर कार्रवााई की गई है।
ऐसा नहीं है कि हमने इन उग्रवादी ताक़तों के ख़िलाफ़ कार्रवाई भारत के कहने पर की है। हमने इसे अपने हित में किया है। यह चरमपंथ हमारे ख़िलाफ़ है, इसलिए हमने कार्रवाई की है। आज के पहले पाकिस्तान में किसी सरकार ने इस तरह की कार्रवाई कभी नहीं की। यह नया पाकिस्तान है।
इमरान ख़ान का यह इंटरव्यू ऐसे समय हुआ है, जब भारत में चुनाव की तैयारियाँ ज़ोरशोर से चल रही है, पहले चरण का नामांकन भी पूरा हो चुका है। सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकवादी हमले और उसके बाद के बालाकोट हमले को चुनावी मुद्दा बना लिया है। मोदी आम सभाओं में खुले आम कहते हैं कि किस तरह उन्होंने अंदर घुस कर मारा और किस तरह पाकिस्तान की नींद हराम हो गई। इसके अलावा मीडिया के बड़े हिस्से ने भी पूरे मामले की जिस तरह रिपोर्टिंग की, उससे युद्धोन्माद को बल मिलता है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इमरान ख़ान का यह कहना है कि कुछ भी हो सकता है, भारत के ख़िलाफ़ माहौल बनाने में मदद करता है और इसकी ज़िम्मेदारी भारतीय प्रधानमंत्री पर है, इससे इनकार करना मुश्किल है।