पाकिस्तान के पेशावर में शुक्रवार को एक मसजिद में जोरदार धमाका हुआ। इसमें अब तक 56 लोगों की मौत हो गई है और 190 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। यह मसजिद शिया समुदाय की है और घायलों में से कई लोगों की हालत बेहद नाजुक है। 

स्थानीय पुलिस अफसर वहीद खान ने न्यूज़ एजेंसी एपी को बताया कि यह धमाका उस वक्त हुआ जब लोग शुक्रवार की नमाज के लिए मसजिद में इकट्ठा हुए थे। अभी तक इस धमाके की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है। लेकिन इससे पहले कुछ संगठन इस इलाके में इस तरह के धमाकों को अंजाम दे चुके हैं। 

धमाका बहुत जबरदस्त था और इसके बाद चारों ओर धूल का गुबार छा गया। पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल के प्रवक्ता ने कहा है कि आसपास के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है।
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यह मसजिद पेशावर के किस्साख्वानी बाज़ार के कूचा रिसालदार में स्थित है। धमाके के तुरंत बाद पुलिस और बचाव कार्य से जुड़े तमाम लोग मौके पर पहुंच गए। पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने इस बम धमाके की मजम्मत की है।
पेशावर के पुलिस अफसर मोहम्मद एजाज खान ने द डॉन को बताया कि शुरुआती जानकारी के मुताबिक दो हमलावरों ने इस वारदात को अंजाम दिया। हमलावरों ने मसजिद में घुसने की कोशिश की और वहां खड़े पुलिस के जवानों पर फायरिंग की। इस वजह से पुलिस के दो जवान शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एक हमलावर मारा गया जबकि दूसरे ने मसजिद के अंदर जाकर विस्फोट कर दिया। 


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पेशावर में ज़ुल्म 

पेशावर अफ़ग़ानिस्तान से लगता हुआ इलाक़ा है और यहां पर बड़ी संख्या में कट्टरपंथियों का बोलबाला है। ये लोग शिया, अहमदिया समुदाय के लोगों पर ज़ुल्म करते रहते हैं। 

इस वजह से अहमदिया समुदाय के लोगों को पेशावर में अपने घरों को बेचना पड़ा है और महफूज़ जगह की तलाश में वे पाकिस्तान में दूसरी जगहों पर ठिकाना बना रहे हैं। कई बार अहमदियों की मसजिदों पर हमला किया जा चुका है और कट्टरपंथियों ने इसका जश्न भी मनाया है।