संयुक्त राष्ट्र में भाषण के दौरान राजनयिकों के वाकआउट के बावजूद इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ग़ज़ा में सैन्य अभियान जल्द पूरा किया जाएगा।
नेतन्याहू भाषण देने आए तो राजनयिकों ने किया वाकआउट
इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अजीबोगरीब विरोध का सामना करना पड़ा। नेतन्याहू भाषण देने आए तो कुर्सियाँ खाली हो गईं। अचानक से राजनयिकों ने वाकआउट कर दिया। खाली कुर्सियों के बीच ही नेतन्याहू ने भाषण दिया। राजनयिकों ने वाकआउट का यह विरोध इसराइल की ग़ज़ा में कार्रवाई और फिलिस्तीन पर उसकी नीति को लेकर किया। खाली कुर्सियों के बीच ही नेतन्याहू ने ग़ज़ा में युद्ध को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, 'हमें ग़ज़ा में काम तेजी से पूरा करना होगा।'
संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र चल रहा है। नेतन्याहू जैसे ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर पहुंचे, अरब लीग के देशों, कई अफ्रीकी और कुछ यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने सभागार छोड़ दिया। यह वाकआउट इसराइल की ग़ज़ा में चल रही सैन्य कार्रवाई और इसके परिणामस्वरूप होने वाली मानवीय त्रासदी के खिलाफ एक साफ़ विरोध था। सभागार में मौजूद कुछ इसराइली प्रतिनिधियों ने तालियों और उत्साहवर्धन के साथ इसका जवाब देने की कोशिश की, लेकिन खाली कुर्सियों ने इसराइल के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अलगाव को उजागर कर दिया।
नेतन्याहू के भाषण से पहले ही कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने इसराइल को दुष्ट सरकार करार दिया था और ग़ज़ा में उसके कार्यों को नरसंहार बताया था। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी सत्र की शुरुआत में ग़ज़ा युद्ध की निंदा की थी। इस विरोध ने नेतन्याहू के लिए माहौल को और चुनौतीपूर्ण बना दिया।
नेतन्याहू का भाषण
नेतन्याहू ने अपने 40 मिनट के भाषण में ग़ज़ा में हमास के खिलाफ इसराइल की सैन्य कार्रवाई का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने हमास से बंधकों को रिहा करने और हथियार डालने की मांग की, साथ ही हाल ही में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले देशों की कड़ी आलोचना की।
नेतन्याहू ने अपने भाषण में 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले का उल्लेख किया। उस हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 251 लोग बंधक बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि दुनिया भले ही 7 अक्टूबर को भूल गई हो, लेकिन इसराइल नहीं भूला।
उन्होंने अपने सूट पर एक बड़ा क्यूआर कोड वाला बैज पहना था जो 7 अक्टूबर के हमले से संबंधित जानकारी तक ले जाता था। उन्होंने दर्शकों से अपने फोन से इस क्यूआर कोड को स्कैन करने का आग्रह किया ताकि वे हमास के 'अत्याचारों' को याद रखें।
नेतन्याहू ने दावा किया कि ग़ज़ा में हमास के आख़िरी बचे-खुचे लोग ग़ज़ा सिटी में छिपे हैं और वे 7 अक्टूबर जैसे हमलों को दोहराने का संकल्प ले रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इसीलिए इसराइल को यह काम पूरा करना होगा और हम इसे यथासंभव तेजी से करना चाहते हैं।' उन्होंने हमास से कहा, 'अपने हथियार डाल दो, बंधकों को रिहा करो। अगर तुम ऐसा करोगे तो तुम जीवित रहोगे। अगर नहीं, तो इसराइल तुम्हारा पीछा करेगा।'
ग़ज़ा में भाषण का प्रसारण
नेतन्याहू ने कहा कि उनका भाषण ग़ज़ा में प्रसारित किया जा रहा है। उनके कार्यालय ने बताया कि इसराइली सेना को ग़ज़ा सीमा पर ट्रकों पर लाउडस्पीकर लगाने का निर्देश दिया गया था ताकि बंधकों और ग़ज़ा के निवासियों तक उनकी आवाज पहुंचे। उन्होंने बंधकों को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारे बहादुर नायक, यह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू आपसे संयुक्त राष्ट्र से लाइव बोल रहे हैं। हम आपको एक पल के लिए भी नहीं भूले हैं। इसराइल के लोग आपके साथ हैं। हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम आप सभी को घर नहीं लाते।'
उन्होंने यह भी दावा किया कि इसराइली खुफिया तंत्र ने ग़ज़ा में लोगों के मोबाइल फोनों पर उनके भाषण का सीधा प्रसारण किया। हालांकि, ग़ज़ा से इस दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है।
फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता पर विवाद
नेतन्याहू ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस जैसे देशों द्वारा फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने के फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे निंदनीय और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा, '7 अक्टूबर के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना ऐसा है जैसे 9/11 के बाद अल-कायदा को न्यूयॉर्क से एक मील दूर राज्य देना। यह सरासर पागलपन है।' उन्होंने दावा किया कि यह कदम 'यहूदियों की हत्या को पुरस्कृत करता है।' उन्होंने यह भी कहा कि इसराइल फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं होने देगा। उन्होंने विश्व नेताओं से कहा, 'आप हमें आतंकवादी राज्य के गले में नहीं धकेल सकते।'
नेतन्याहू का यह भाषण ऐसे समय में आया है जब इसराइल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते अलगाव का सामना कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने नवंबर 2024 में नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। आईसीसी ने उन पर ग़ज़ा में नागरिकों को भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति जैसे आवश्यक संसाधनों से वंचित करने का आरोप लगाया।
संयुक्त राष्ट्र की एक जांच आयोग ने इस महीने की शुरुआत में दावा किया था कि इसराइल ग़ज़ा में नरसंहार कर रहा है, जिसे इसराइली विदेश मंत्रालय ने विकृत और झूठा करार दिया था। ग़ज़ा में इसराइल की सैन्य कार्रवाई में अब तक 65000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और 90% आबादी विस्थापित हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ग़ज़ा में भुखमरी और अकाल की स्थिति गंभीर है।
नेतन्याहू का संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण विवादास्पद रहा। खाली कुर्सियों और राजनयिकों के वाकआउट ने इसराइल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय निंदा को दिखाया, जबकि नेतन्याहू ने अपनी नीतियों का पुरजोर बचाव किया। ग़ज़ा में चल रहे युद्ध, बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता जैसे मुद्दों ने इस सत्र को और जटिल बना दिया।