इमरान ख़ान की शूटिंग देखकर क्या यह नहीं लगता है कि पाकिस्तान में राजनीति करने के लिए बहादुरी ज़रूरी है? यदि आपको लगता है कि ऐसे एक मामले से ऐसा आकलन करना ठीक नहीं है तो आपको बता दें कि पाकिस्तान में यह कोई पहला ऐसा मामला नहीं है। पाकिस्तान आज़ादी के अपने 75 साल के इतिहास में ऐसी हिंसा का लगातार गवाह रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या को भला कौन भूल सकता है!