दुनिया के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले फ्रांस के लूव्र संग्रहालय से कुछ ही मिनटों में बहुमूल्य राजशाही धरोहर चोरी हो गईं। आखिर यह चोरी कैसे हुई और सुरक्षा तंत्र में इतनी बड़ी चूक कैसे संभव हुई?
फ्रांस के लुव्र संग्रहालय में चोरी
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और सबसे अधिक देखे जाने वाले संग्रहालय लुव्र में रविवार को हुई एक डकैती ने पूरे फ्रांस को हिलाकर रख दिया है। मास्क पहने चार चोरों ने दिन-दहाड़े पावर टूल्स का इस्तेमाल कर संग्रहालय में घुसकर फ्रांस की अमूल्य क्राउन ज्वेल्स चुरा लीं। यह घटना मात्र 4 से 7 मिनट में अंजाम दी गई और चोर स्कूटरों पर भाग निकले। संग्रहालय सोमवार को भी पुलिस जांच के सिलसिले में बंद रहा। 60 से अधिक जांचकर्ता इस केस पर काम कर रहे हैं। फ्रांसीसी संस्कृति मंत्रालय ने आठ आइटम्स के चोरी होने की पुष्टि की है, जिनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क़ीमत अथाह है। यह डकैती न केवल एक अपराध है, बल्कि फ्रांस की सांस्कृतिक विरासत पर सीधा हमला मानी जा रही है।
कैसे हुई डकैती?
डकैती 19 अक्टूबर को सुबह 10 मिनट के अंदर हो गई, जब लुव्र पर्यटकों के लिए खुलने वाला था। चार चोरों ने वाहन पर लगे मैकेनिकल लिफ्ट यानी सीढ़ी का इस्तेमाल कर सीने नदी के पास बालकनी से अपोलो गैलरी में प्रवेश किया। यह गैलरी लुई XIV द्वारा बनाई गई भव्य हॉल है, जहां फ्रांस के शाही आभूषण प्रदर्शित हैं।
मौके से ली गई तस्वीरों में वाहन-माउंटेड लैडर को पहले तल की खिड़की तक पहुंचे देखा जा सकता है। दो चोरों ने बैटरी-पावर्ड डिस्क कटर से कांच के पैन को काटा और वे संग्रहालय में घुसे। उन्होंने गार्ड्स को धमकाया, जिससे पूरे संग्रहालय को खाली करा लिया गया। चोरों ने दो ग्लास डिस्प्ले केस तोड़कर आठ आइटम्स चुरा लिए। फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चोरी वाले क्षेत्र के तीन कमरों में से एक में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने टीएफ1 न्यूज को बताया कि फुटेज में मास्क वाले चोर 'शांतिपूर्वक' घुसते और डिस्प्ले केस तोड़ते दिख रहे हैं। कोई घायल नहीं हुआ।
चोरों ने भागते समय अपने वाहन को आग लगाने की कोशिश की, लेकिन एक संग्रहालय कर्मचारी के हस्तक्षेप से यह नाकाम रही। आंतरिक मंत्री लॉरेंट नुएज ने फ्रांस इंटर रेडियो को बताया कि यह 'एक अनुभवी टीम का काम' था, जो जगह का पहले से रेकी कर चुकी थी। चोरों ने दो स्कूटरों पर भागते हुए सीसीटीवी फुटेज से बचने की कोशिश की। अभियोजकों का मानना है कि यह एक आपराधिक संगठन के आदेश पर किया गया ऑपरेशन था।
क्या चुराया गया?
चोरी हुए आइटम्स 19वीं सदी के हैं और फ्रेंच शाही परिवारों से जुड़े हैं। इनमें हजारों हीरे, पन्ना, नीलम और अन्य कीमती रत्न जड़े हैं। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, चोरी हुए आठ आइटम्स हैं-
- नेपोलियन III की पत्नी इम्प्रेस यूजनी का टियारा और ब्रूच
- नेपोलियन की दूसरी पत्नी इम्प्रेस मैरी लुईस का पन्ना हार और पन्ना झुमके
- क्वीन मैरी-एमेली और क्वीन हॉर्टेंस का नीलम सेट: टियारा, हार और एक झुमका
- अज्ञात शाही संग्रह 'रेलिक्वरी ब्रूच' जिसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल के सीईओ क्रिस मरिनेलो ने कहा, 'ये ज्वेल्स अब सुरक्षित नहीं हैं। चोर इन्हें तोड़कर बेचेंगे- धातु पिघलाएंगे, रत्न काटेंगे।' इन्हें साबुत बेचना मुश्किल होगा, इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है। फ्रेंच सीनेटर नताली गौलेट ने बीबीसी को बताया, 'ये संगठित अपराधी हैं, जो इतिहास की कद्र नहीं करते, सिर्फ गंदे पैसे साफ करने के लिए इस्तेमाल करेंगे।'
सुरक्षा चूक: अलार्म टूटा, सीसीटीवी की कमी
यह घटना लुव्र की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है। गौलेट ने कहा कि अपोलो गैलरी का स्थानीय अलार्म हाल ही में खराब था, हालांकि जांच में पता चलेगा कि क्या इसे निष्क्रिय किया गया। संस्कृति मंत्रालय ने साफ़ किया कि संग्रहालय का मुख्य अलार्म बज गया था और स्टाफ ने प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा बलों को सूचित किया तथा पर्यटकों की रक्षा की। फिर भी, फ्रांस में हाल के महीनों में म्यूजियम चोरियां बढ़ी हैं- सुरक्षा में सुधार की मांग तेज हो गई है।
इस साल की शुरुआत में लुव्र अधिकारियों ने सरकार से सहायता मांगी थी, जिसमें पुराने प्रदर्शन हॉल के नवीनीकरण और बेहतर सुरक्षा शामिल थी। राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने 'न्यू रेनेसां प्रोजेक्ट' का वादा किया था, जिसकी लागत 700-800 मिलियन यूरो है। इसमें मजबूत सुरक्षा व्यवस्था शामिल है, लेकिन यह प्रोजेक्ट अभी शुरुआती चरण में है।
राष्ट्रपति बोले- विरासत पर हमला
लगभग 60 जांचकर्ता सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं और चार संदिग्धों की तलाश में हैं। मैंक्रो ने एक्स पर कहा, 'लूव्र में हुई चोरी उस विरासत पर हमला है जिसे हम संजोकर रखते हैं क्योंकि यह हमारा इतिहास है। हम कलाकृतियों को पुनः प्राप्त करेंगे और अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करेंगे। पेरिस अभियोजक कार्यालय के नेतृत्व में हर जगह, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लूव्र न्यू रेनेसां परियोजना, जिसे हमने जनवरी में शुरू किया था, सुरक्षा को मज़बूत करने का प्रावधान करती है। यह हमारी स्मृति और हमारी संस्कृति के संरक्षण और सुरक्षा की गारंटी होगी।'
नेशनल रैली लीडर जॉर्डन बर्डेला ने इसे असहनीय अपमान बताया, जबकि मरीन ले पेन ने फ्रेंच आत्मा पर घाव कहा। संस्कृति मंत्री दाती ने कहा, 'चोर अनुभवी लग रहे थे, भागने का प्लान सोचा-समझा था।'
म्यूजियम की पिछली चोरियां
यह लुव्र की पहली बड़ी चोरी नहीं है। 1911 में एक इतालवी कर्मचारी ने मोना लिसा को चुरा लिया था, जो दो साल बाद मिली। 1998 में कैमिल कोरॉट की पेंटिंग 'ले शेमिन डे सेवर्स' चोरी हुई, जो आज तक गायब है। इसके बाद सुरक्षा में बड़ा बदलाव आया। हाल ही में फ्रांस में म्यूजियम चोरियां बढ़ी हैं। पिछले महीने लिमोज के एड्रियन डुबूश म्यूजियम से 9.5 मिलियन यूरो की पोर्सिलेन चुराई गई। नवंबर 2024 में पेरिस के कॉग्नाक-जेय म्यूजियम से सात ऐतिहासिक आइटम्स चुराए गए, जिनमें से पांच हाल ही में बरामद हुए। उसी महीने बर्गंडी के हाइरॉन म्यूजियम में सशस्त्र चोरों ने गोलीबारी कर 20वीं सदी की कला चुराई।
बहरहाल, लुव्र में चोरी हुए आइटम्स की बरामदगी की दौड़ चल रही है। फ्रांस सरकार ने जांच तेज करने का वादा किया है, लेकिन यह घटना सांस्कृतिक सुरक्षा पर राष्ट्रीय बहस छेड़ चुकी है। लुव्र के बंद होने से पर्यटन प्रभावित हो रहा है और दुनिया भर में फ्रांस की छवि पर असर पड़ रहा है। क्या ये ज्वेल्स कभी वापस मिलेंगी?