ग़ज़ा में 23 महीनों से चले आ रहे खूनी संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ आ गया है। हमास ने युद्ध विराम (सीजफायर) के लिए पूर्ण आश्वासन मिलने की घोषणा की है। इसराइल ने इस समझौते को औपचारिक मंजूरी दे दी है। यह घटनाक्रम मिडिल ईस्ट की अस्थिरता को कम करने की उम्मीद जगाने वाला है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि स्थायी शांति अभी दूर की कौड़ी है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, कतर और मिस्र की मध्यस्थता में चले लंबे कूटनीतिक प्रयासों के बाद गुरुवार को यह ब्रेकथ्रू आया। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संगठन को ग़ज़ा में इसराइली सेना की पूर्ण वापसी और युद्ध की समाप्ति के स्पष्ट लिखित आश्वासन मिले हैं। अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यह समझौता हमारे लोगों की पीड़ा को समाप्त करने का पहला कदम है। हम किसी भी उल्लंघन पर सतर्क रहेंगे।"
इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक में सीजफायर को हरी झंडी दिखाई। उनके कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "यह निर्णय सुरक्षा बलों की सलाह पर लिया गया है, जो बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करेगा। इसराइल अपनी रक्षा की क्षमता बनाए रखेगा।" रिपोर्ट्स के मुताबिक, समझौते के पहले चरण में 50 इसराइली बंधकों की रिहाई होगी, बदले में हमास 150 फिलिस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा।
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समझौते की मुख्य शर्तें 

  • बंधक और कैदी अदला-बदली: अगले 72 घंटों में पहली अदला-बदली शुरू होगी। 
  • ग़ज़ा में मानवीय सहायता: संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में भोजन, दवा और ईंधन की सप्लाई बहाल। 
  • सेना की वापसी: इसराइली सेना धीरे-धीरे उत्तरी ग़ज़ा से पीछे हटेगी, लेकिन दक्षिणी सीमाओं पर सतर्कता बरती जाएगी। 
  • निगरानी तंत्र: कतर, मिस्र और अमेरिका संयुक्त रूप से समझौते का पालन सुनिश्चित करेंगे।
यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के विशेष दूत की यात्रा के ठीक बाद हुई है, जिन्होंने कहा, "यह शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।" हालांकि, हमास ने चेतावनी दी है कि यदि इसराइल कोई नया हमला करता है, तो समझौता रद्द हो सकता है।

अमेरिका 200 सैनिक इसराइल भेज रहा 

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका ग़ज़ा में युद्ध विराम समझौते का समर्थन करने और निगरानी करने के लिए इसराइल में लगभग 200 सैनिक भेज रहा है, जो एक टीम का हिस्सा है। जिसमें साझेदार राष्ट्र, गैर-सरकारी संगठन और निजी क्षेत्र के लोग शामिल हैं।वहां अमेरिकी सेंट्रल कमांड इसराइल में एक "नागरिक-सैन्य समन्वय केंद्र" स्थापित करने जा रहा है, जो दो साल से युद्ध से त्रस्त क्षेत्र में मानवीय सहायता के साथ-साथ रसद और सुरक्षा सहायता को आसान बनाने में मदद करेगा।

ग़ज़ा में 90% आबादी विस्थापित

ग़ज़ा युद्ध में 66,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जबकि इसराइली पक्ष ने 1,200 से ज्यादा हताहतों की रिपोर्ट दी है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ग़ज़ा में 90% आबादी विस्थापित हो चुकी है, और भुखमरी का संकट गहरा गया है। ग़ज़ा में भारी तादाद में पत्रकारों, डॉक्टरों, नर्सों की भी हत्या इसराइली सेना ने की है। सभी अस्पताल तबाह कर दिए गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं तीखी हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने इसे "फिलिस्तीन की जीत" बताया, जबकि ईरान ने चेतावनी दी कि यह "अस्थायी विराम" मात्र है। भारत ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
विश्लेषकों का कहना है कि सीजफायर लागू होने पर ग़ज़ा का पुनर्निर्माण एक बड़ी चुनौती होगा, जिसके लिए अरब देशों से अरबों डॉलर की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल, सीजफायर की औपचारिक घोषणा शुक्रवार सुबह होने की उम्मीद है।