इसराइल ने गुरुवार को दावा किया कि उसने फिलिस्तीन में हमास के तीन वरिष्ठ नेताओं की हत्या कर दी है। इसमें ग़ज़ा सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा भी शामिल हैं। इसराइली सेना ने कहा कि तीनों नेताओं ने उत्तरी ग़ज़ा में एक कड़ी सुरक्षा वाले अंडरग्राउंड परिसर में शरण ली थी, जो उनका कमांड और नियंत्रण केंद्र भी था।
ऑपरेशन के बारे में इसराइली सेना आईडीएफ ने कहा कि उत्तरी ग़ज़ा में एक भूमिगत परिसर पर हमले में रावी मुश्तहा और दो अन्य हमास कमांडरों, समेह सिराज और सामी औदेह की मौत हो गई। इस घटना पर हमास की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Approximately 3 months ago, in a joint IDF and ISA strike in Gaza, the following terrorists were eliminated:
— Israel Defense Forces (@IDF) October 3, 2024
🔴Rawhi Mushtaha, the Head of the Hamas government in Gaza
🔴Sameh al-Siraj, who held the security portfolio on Hamas' political bureau and Hamas' Labor Committee
🔴Sami… pic.twitter.com/6xpH6tOOot
सेना ने एक बयान में कहा, 'मुश्ताहा हमास के सबसे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से एक था और हमास की सेना की तैनाती से संबंधित निर्णयों पर उसका सीधा प्रभाव था।' सेना ने मुश्ताहा को हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार का दाहिना हाथ बताया। 2015 में अमेरिकी विदेश विभाग ने मुश्ताहा को 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी' के रूप में बताया था। यूरोपीय विदेश संबंध परिषद ने मुश्ताहा को हमास के ग़ज़ा पोलित ब्यूरो का सदस्य बताया जो इसके वित्तीय मामलों की भी देखरेख करता था।
आईडीएफ़ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'लगभग 3 महीने पहले ग़ज़ा में आईडीएफ़ और आईएसए के संयुक्त हमले में इन आतंकवादियों को मार गिराया गया था: ग़ज़ा में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के राजनीतिक ब्यूरो और हमास की श्रम समिति में सुरक्षा पोर्टफोलियो रखने वाले समेह अल-सिराज, हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के कमांडर सामी औदेह।'
आईडीएफ ने एक बयान में कहा, 'यह परिसर हमास के कमांड और नियंत्रण केंद्र के रूप में काम करता था और वरिष्ठ आतंकवादियों को लंबे समय तक इसके अंदर रहने में सक्षम बनाता था। आईडीएफ 7 अक्टूबर के नरसंहार के लिए जिम्मेदार सभी आतंकवादियों का पीछा करना जारी रखेगा और इसराइल राज्य को ख़तरा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगा।'
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मुश्तहा हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार का करीबी सहयोगी था, जिसने 7 अक्टूबर को इसराइल पर हुए हमले की साजिश रचने में मदद की थी, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे और मध्य पूर्व में युद्ध छिड़ गया था।
पिछले सप्ताह लेबनान के बेरूत में एक हमले में इसराइल ने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को भी मार गिराया, जिससे ईरान समर्थित आतंकवादी समूह को बड़ा झटका लगा।
हमास द्वारा इसराइल पर अभूतपूर्व हमला करने के बाद लगभग एक साल से मध्य पूर्व में गंभीर सुरक्षा स्थिति बनी हुई है। इस हमले में लगभग 1200 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इस हमले के बाद ग़ज़ा में युद्ध छिड़ गया जिसमें 41000 से अधिक लोग मारे गए।
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