अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "यह जारी नहीं रह सकता। या तो शांति होगी या ईरान के लिए त्रासदी होगी जो पिछले आठ दिनों में हमने देखी है उससे कहीं ज़्यादा बड़ी होगी।" ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, "याद रखें, अभी कई लक्ष्य बचे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "आज रात का हमला अब तक का सबसे मुश्किल और शायद सबसे घातक था। लेकिन अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे - उनमें से ज़्यादातर को कुछ ही मिनटों में नष्ट किया जा सकता है।"
ट्रम्प ने कहा कि दुनिया की कोई भी सेना ईरान के परमाणु ठिकानों पर आज रात (भारतीय समयानुसार रविवार सुबह) अमेरिका द्वारा किए गए हमले को अंजाम नहीं दे सकती थी। उन्होंने कहा कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और संयुक्त चीफ के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन कल सुबह 8 बजे पेंटागन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, जिसमें हमलों के बारे में अतिरिक्त जानकारी दी जाएगी।
ट्रंप ने आगे कहा, "मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं, खास तौर पर भगवान को। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हम आपसे प्यार करते हैं, भगवान।"
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इस बीच, ट्रुथ सोशल पर बड़े अक्षरों में लिखते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी कि "ईरान द्वारा अमेरिका के खिलाफ किसी भी जवाबी कार्रवाई का आज रात जो हुआ उससे कहीं अधिक बुरा परिणाम होगा।"

हालांकि, ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप के दावों का खंडन किया है और उनकी घोषणा को एक धोखा बताया है। ईरान के सरकारी टीवी ने कहा, "ट्रंप आमतौर पर धोखा देते हैं। नुकसान की सीमा का आकलन किया जाना चाहिए। इस्लामिक रिपब्लिक के परमाणु उद्योग को बमबारी करके नष्ट नहीं किया जा सकता।"

नेतन्याहू का बयान 

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने ईरान के खिलाफ इसराइल के संघर्ष की शुरुआत से ही अपना वादा निभाया कि ईरान की परमाणु सुविधाओं को नष्ट कर दिया जाएगा। ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमले के बाद इसराइली जनता को दिए गए हिब्रू वीडियो बयान में नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिकी अभियान आईडीएफ के साथ "पूर्ण समन्वय" में चलाया गया था। नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों के खिलाफ काम पूरा कर लिया है, जिसे आईडीएफ ने 13 जून को शुरू किया था।

ट्रंप ने फोन किया

नेतन्याहू ने कहा- "ऑपरेशन की शुरुआत में मैंने आपसे वादा किया था कि ईरान की परमाणु सुविधाओं को किसी न किसी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा। यह वादा पूरा किया गया।" उन्होंने कहा कि अमेरिकी ऑपरेशन खत्म होने के तुरंत बाद ट्रम्प ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया और यह "बहुत गर्मजोशी और भावुक बातचीत थी।"