लंदन में इमिग्रेशन के ख़िलाफ़ बड़ा प्रदर्शन
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में इमिग्रेशन के ख़िलाफ़ बड़ा विरोध-प्रदर्शन हुआ। दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन द्वारा आयोजित 'यूनाइट द किंगडम' मार्च में एक लाख से ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। यह प्रदर्शन आप्रवासन नीतियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन माना जा रहा है। हालाँकि, यह शांतिपूर्ण सभा हिंसा में बदल गई, जब पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें 26 पुलिसकर्मी घायल हुए और कम से कम 9 गिरफ्तारियां हुईं।
मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार, यह मार्च वाटरलू ब्रिज से शुरू होकर व्हाइटहॉल तक चला, जहां प्रदर्शनकारियों ने यूनियन जैक, सेंट जॉर्ज के झंडे और लकड़ी के क्रॉस लहराते हुए नारे लगाए। 'हमारा देश वापस लौटाओ', 'स्वतंत्र भाषण बचाओ' और 'अवैध आप्रवासन रोकें' जैसे नारे गूंजते रहे। रॉबिन्सन ने वीडियो लिंक के जरिए भीड़ को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि 'माइग्रेंट्स को ब्रिटिश नागरिकों से ज्यादा अधिकार मिल रहे हैं'।
पुलिस ने ही कहा है कि भीड़ क़रीब एक लाख 10 हज़ार लोगों की होगी। हालाँकि सोशल मीडिया पर आई प्रदर्शन की तस्वीरों को देखकर कहा जा रहा है कि भीड़ इससे कहीं ज़्यादा होगी। विरोध प्रदर्शन के हवाई दृश्यों में सेंट्रल लंदन की कुछ किलोमीटर सड़कें प्रदर्शनकारियों से भरी हुई दिखाई दीं। इससे पता चलता है कि अधिकारियों ने संख्या को कम करके आँका होगा।
कौन हैं टॉमी रॉबिन्सन?
टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन यैक्सली-लेनन है। वह इंग्लिश डिफेंस लीग यानी ईडीएल के संस्थापक हैं और लंबे समय से इस्लाम-विरोधी और आप्रवासन-विरोधी विचारों के लिए कुख्यात हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें अदालत की अवमानना और हमला शामिल है। मई 2025 में जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने इस 'फ्री स्पीच फेस्टिवल' का आयोजन किया था, जो मूल रूप से पिछले साल अक्टूबर में होने वाला था लेकिन कानूनी मुद्दों के कारण टल गया था। अब यही टॉमी रॉबिन्सन इमिग्रेशन के ख़िलाफ़ बड़ा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन में एलन मस्क भी वीडियो लिंक के ज़रिए शामिल हुए और उन्होंने भीड़ से कहा, 'चाहे आप हिंसा चुनें या न चुनें, हिंसा आपकी ओर आ ही रही है। या तो आप पलटवार करें या मर जाएँ।'
'अपना देश वापस चाहते हैं'
यह प्रदर्शन बढ़ते आव्रजन विरोधी माहौल के बीच हुआ, जहाँ निगेल फ़राज की रिफ़ॉर्म यूके पार्टी को चुनावों में बढ़त मिली और शरणार्थियों के लिए बने होटल विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गए। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, 28 वर्षीय रिची ने रिकॉर्ड प्रवासन स्तर का ज़िक्र करते हुए कहा, 'यह एक आक्रमण है। वे यह नहीं समझते कि हम अपना देश वापस चाहते हैं।' एक प्रदर्शनकारी सैंड्रा मिशेल ने कहा, 'हम अपना देश वापस चाहते हैं। अवैध आप्रवासन बंद होना चाहिए। हम टॉमी पर भरोसा करते हैं।'
हिंसा और पुलिस की कार्रवाई
शुरुआत में शांतिपूर्ण लगने वाला मार्च दोपहर होते ही हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतलें और अन्य सामान फेंके, जिसके जवाब में पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने 1600 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया था, जिनमें से कई पर हमला हुआ। केंद्रीय लंदन में कई जगहों पर झड़पें हुईं, खासकर जब प्रदर्शनकारी 'स्टैंड अप टू रेसिज्म' काउंटर-प्रदर्शन की ओर बढ़े। पुलिस ने दोनों समूहों को अलग रखा, लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोर्डन तोड़ने की कोशिश की। रात 6 बजे तक 9 गिरफ्तारियां हुईं और पुलिस ने चेतावनी दी कि और अधिक कार्रवाई होगी।
काउंटर-प्रदर्शन
दूसरी ओर, 'स्टैंड अप टू रेसिज्म' समूह ने रसेल स्क्वायर से व्हाइटहॉल तक मार्च निकाला, जिसमें करीब 5,000 लोग शामिल हुए। इसमें लेबर पार्टी की सांसद जराह सुल्ताना और डायने एबॉट भी थीं। प्रदर्शनकारियों ने 'शरणार्थी स्वागत है' और 'टॉमी रॉबिन्सन का विरोध' के नारे लगाए। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'यह फासीवाद के खिलाफ लड़ाई है।' दोनों प्रदर्शनों के बीच तनाव चरम पर था, लेकिन पुलिस ने किसी बड़े संघर्ष को रोक लिया।
लेबर सरकार पर दबाव
यह प्रदर्शन ब्रिटेन की बदलती राजनीति का संकेत देता है। रिफॉर्म यूके पार्टी के बढ़ते समर्थन के बीच, रॉबिन्सन का आंदोलन मुख्यधारा में जगह बना रहा है। हाल के सर्वे में इस पार्टी के मज़बूत स्थिति में होने की बात कही गई है, लेकिन रॉबिन्सन के आपराधिक इतिहास ने उन्हें पार्टी से अलग रखा। इस बीच प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की लेबर सरकार पर दबाव बढ़ गया है।