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मार्क ज़ुकरबर्ग 10 हज़ार और कर्मचारियों की छंटनी करेंगे: रिपोर्ट

मार्क जुकरबर्ग के मेटा ने फिर से 10,000 कर्मचारियों को छंटनी करने का फैसला किया है। इसने हाल ही में 10 हज़ार से ज़्यादा कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया था। कंपनी ने यह फ़ैसला तब लिया है जब हाल में दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति ख़राब होने के संकेत मिल रहे हैं और कहा जा रहा है कि कई देशों में आर्थिक मंदी ने दस्तक दे दी है। कई कंपनियों में ख़र्च में कटौती के रूप में छंटनी शुरू कर दी गई है।

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगलवार को कर्मचारियों को एक ईमेल में मेटा के सीईओ जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी आने वाले महीनों में नौकरी में कई दौर की कटौती करेगी। इसके साथ ही कुछ परियोजनाओं को कंपनी रद्द कर देगी और नयी भर्ती को कम कर देगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 10,000 नौकरियों में कटौती के साथ-साथ, मेटा 5,000 खाली पदों को भी नहीं भरेगा।

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रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को एक संदेश में कहा, 'मुझे लगता है कि हमें खुद को इस संभावना के लिए तैयार करना चाहिए कि यह नई आर्थिक वास्तविकता कई सालों तक जारी रहेगी।' उन्होंने कहा है कि यह कठिन होगा और इसके आसपास कोई रास्ता नहीं है। एपी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'इसका मतलब प्रतिभाशाली और भावुक सहयोगियों को अलविदा कहना होगा, जो हमारी सफलता का हिस्सा रहे हैं।'

इससे पहले नवंबर में मेटा ने घोषणा की थी कि वह अपने कर्मचारियों की संख्या का 13% यानी 11,000 से अधिक श्रमिकों को हटा देगा। कहा गया कि कंपनी के इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर पहली बार छंटनी की गई।

मेटा प्लेटफॉर्म्स के तहत आने वाले फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप में कर्मचारियों की छंटनी की यह योजना तब आई है जब कंपनी का मुनाफा निराशाजनक रहा है और बिक्री में गिरावट आई है। माना जा रहा है कि इसी को देखते हुए कंपनी ने लागत में कटौती की रणनीति बनाई है और छंटनी इसी योजना का हिस्सा है।
सितंबर के अंत में मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने कर्मचारियों को बताया था कि मेटा ने ख़र्च कम करने और टीमों को पुनर्गठित करने की योजना बनाई है। मेटा की योजना है कि 2022 की तुलना में 2023 में कर्मचारियों की संख्या कम हो।

फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की मूल कंपनी मेटा ने सितंबर के अंत में कहा था कि उसके 87,000 से अधिक कर्मचारी थे।

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बढ़ती ब्याज दरों के कारण आर्थिक मंदी की चिंताओं की वजह से पूरे कॉर्पोरेट अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती की गई है। गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली जैसे वॉल स्ट्रीट बैंकों से लेकर अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट सहित बड़ी टेक फर्मों तक ने छंटनी की है।

ट्विटर ने भी बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों को बाहर निकाला है। रिपोर्ट तो यह है कि इसने 90 फ़ीसदी भारतीय कर्मचारियों को छुट्टी कर दी है और अब बस कुछ गिनती भर कर्मचारी रह गए हैं। कहा जा रहा है कि दुनिया भर में ट्विटर के क़रीब आधे कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है।

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क़मर वहीद नक़वी
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