नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी प्रदर्शन मंगलवार को काफी हिंसक हो गया। इसी दौरान प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है। नेपाल के आर्मी चीफ अशोक राज सिगदल ने पीएम ओली से पद छोड़ने को कहा था। पीएम के इस्तीफे के बाद सेना सुरक्षा अपने हाथ में लेने वाली है। इधर, प्रोटेस्ट के दौरान नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार को ज़िंदा जला दिया गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने उन्हें उनके घर में बंदी बना लिया और आग लगा दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। यह घटना राज्य की राजधानी काठमांडू में उनके घर पर हुई। इधर, नेपाल के वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।

युवा पीढ़ी, विशेष रूप से जेन जेड के प्रदर्शनकारी, काठमांडू में लगाए गए बेमियादी कर्फ्यू तोड़कर सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों के घर फूंक दिए। वो राष्ट्रपति भवन में घुस गए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट भवन पर हमला कर दिया। इस बीच, सोशल मीडिया प्रतिबंध को मंगलवार को हटा लिया गया। कहा जा रहा है कि ओली दुबई जाने वाले हैं लेकिन शहर में अफवाह है कि वो देश छोड़कर भाग रहे हैं। पूर्व पीएम प्रचंड, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घरों को भी निशाना बनाया गया। 

ताज़ा घटनाक्रम क्या है 

  • नेपाल के संसद भवन को फूंका 
  • प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफा 
  • आर्मी चीफ की सलाह पर दिया इस्तीफा 
  • शर्मा का निजी निवास फूंका गया 
  • पूर्व पीएम प्रचंड के घर पर हमला 
  • नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा का घर फूंका 
  • राष्ट्रपति भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, सुप्रीम कोर्ट पर भी हमला 
  • नेपाली वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल को प्रदर्शनकारियों ने पीटा
  • नेपाल में मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। सोमवार को 19 लोग मारे गए थे। मंगलवार को 2 लोग मारे गए।
  • इंटरनेशनल समेत सभी एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। इंडिगो की फ्लाइट डायवर्ट की गई है।
मंगलवार सुबह काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू की घोषणा की गई। इससे स्कूल, दुकानें बंद हो गईं और सभाओं, प्रदर्शनों या भीड़ इकट्ठा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। काठमांडू जिला प्रशासक मुक्तिराम रिजाल ने कहा, "कर्फ्यू अवधि के दौरान किसी भी विरोध प्रदर्शन, भीड़भाड़, सभा या लोगों के जमावड़े की अनुमति नहीं दी जाएगी।" फिर भी, प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू तोड़ दिया और वे प्रधानमंत्री कार्यालय के पास मैतीघर मंडला में शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी मंजिता मानंधर ने कहा, "जेन जेड के युवा मैतीघर मंडला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं।"
प्रदर्शन की शुरुआत पिछले सप्ताह सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए बैन से हुई थी। इन प्लेटफॉर्म्स पर सरकार में रजिस्ट्रेशन न होने के कारण प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि, सोमवार (8 सितंबर) को प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके बाद स्थिति गंभीर हो गई। पुलिस ने संसद में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, रबर की गोलियां और जीवंत गोलियां चलाईं। इस घटना में 19 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए।
प्रदर्शन केवल काठमांडू तक सीमित नहीं रहे, बल्कि पोखरा, चितवन, जनकपुर और इटहरी जैसे अन्य शहरों में भी फैल गए। आयोजकों ने इसे "जेन जेड प्रदर्शन" कहकर जोरदार नारे लगाए हैं। काठमांडू के रिंग रोड पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर सड़कें अवरुद्ध कर दीं। आयोजकों ने सोमवार को मारे गए लोगों के लिए शोक सभा में भाग लेने का आह्वान किया है। पड़ोसी ललितपुर जिले में भी मंगलवार मध्यरात्रि तक कर्फ्यू लगाया गया है। मंगलवार को कई स्थानों पर युवकों ने प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए- ओली चोरी, गद्दी छोड़। प्रदर्शनकारी ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

सोशल मीडिया बैन हटा, मंत्रियों के इस्तीफे

इस बीच, सोमवार रात को प्रधानमंत्री ओली के मंत्रिपरिषद के दो सदस्यों, जिनमें गृह मंत्री रमेश लेखक भी शामिल हैं, ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया। सरकार ने सोशल मीडिया प्रतिबंध हटा लिया है। मंत्रिपरिषद के प्रवक्ता और संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कहा, "हमने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध हटा लिया है। वे प्लेटफॉर्म अब काम कर रहे हैं।" रॉयटर्स ने मंगलवार सुबह सभी ऐप्स के उपलब्ध होने की पुष्टि की।

कई और इस्तीफे

कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने युवाओं की मौतों पर दुख जताया और कहा कि बिना जवाब मांगें और बिना जवाबदेही के वे अब पद पर नहीं रह सकते। रामनाथ ने कहा –“यह मेरे लिए असहनीय था कि हम जिस पीढ़ी के साथ मिलकर काम करना चाहते थे, उसे ऐसा व्यवहार झेलना पड़ा जैसे हम दुश्मन हों। इसलिए मैं अपना पद छोड़ रहा हूं।” रामनाथ ने आगे कहा – “मैं इसे देश और जनता के प्रति नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए इस्तीफा सौंप रहा हूं, ताकि इस घटना के लिए माफी मांग सकूं और अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी स्वीकार कर सकूं।” जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव ने भी मंगलवार को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्री यादव ने कहा कि सोमवार को  Gen Z प्रदर्शन के दौरान 19 लोगों की मौत होने की घटना के बाद वे सरकार में रहकर सेवा देने के लिए खुद को योग्य नहीं मानते।

क्या ओली इस्तीफा देंगे

पीएम के इस्तीफे की मांग पर नेपाल के संचार मंत्री गुरुंग ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री ओली इस्तीफा नहीं देंगे।  सूत्रों के मुताबिक खबरें ये भी हैं कि पीएम ओली कथित तौर पर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए दुबई जाने की तैयारी कर रहे हैं। राजनीतिक उठापटक और कई मंत्रियों के इस्तीफे के बीच, ओली ने अपने प्रस्तावित रवाना होने से पहले कार्यवाहक जिम्मेदारियां अपने उपप्रधानमंत्री को सौंप दी हैं। लेकिन इससे पहले ओली ने देशभर में बढ़ते प्रदर्शनों के बीच आज शाम 6 बजे सभी दलों की बैठक बुलाई है। पीएम सचिवालय के बयान में कहा गया – “स्थिति का जायजा लेकर सही समाधान खोजने के लिए मैं संबंधित दलों से बातचीत कर रहा हूं। इसके लिए आज शाम 6 बजे सभी दलों की बैठक भी बुलाई है। मैं सभी भाइयों-बहनों से विनम्र अपील करता हूं कि इस मुश्किल घड़ी में शांत बने रहें।”

ओली ने कहा- जांच कमेटी बनाई जाएगी

प्रधानमंत्री ओली ने मृतकों के परिवारों के लिए राहत और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "घटना के कारणों का पता लगाने, नुकसान का आकलन करने और ऐसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के उपाय सुझाने के लिए 15 दिनों के भीतर जांच समिति गठित की जाएगी।"

प्रदर्शन की वजह

प्रदर्शनों का मुख्य कारण युवाओं का भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश है। नेपाल में 2008 में राजतंत्र के अंत के बाद 14वें प्रधानमंत्री के रूप में पिछले साल जुलाई में चौथी बार शपथ लेने वाले 73 वर्षीय ओली की सरकार पर भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और आर्थिक अवसर बढ़ाने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए युवा आंदोलित हैं। प्रदर्शनकारी "भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया मत बंद करो" जैसे नारे लगाकर ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

अस्थिरता का खतरा

नेपाल में भ्रष्टाचार का मुद्दा राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ाने का खतरा पैदा कर रहा है। प्रदर्शनकारी ओली सरकार के अंत तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सेना ने और कदम उठाने की तैयारी की है।

नेपाल की घटनाओं पर भारत का बयान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, भारत ने नेपाल की घटनाओं पर "नजदीकी नजर" रखने की बात कही है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, "एक करीबी मित्र और पड़ोसी के रूप में, हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष संयम बरतेंगे और किसी भी मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके और संवाद के माध्यम से हल करेंगे।" भारत में लाखों नेपाली प्रवासी कामगार हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने भी सुरक्षा बलों के बल प्रयोग की निंदा की है।