László Krasznahorkai wins Nobel literature 2025: हंगेरियन लेखक लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई को साहित्य के नोबेल 2025 से नवाज़ा गया है। उनके जीवन, कार्यों और अराजकता के बीच कला की ताकत को स्थापित करने में उनकी पहचान के महत्व को समझिए।
साहित्य के नोबेल 2025 से सम्मानित हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई
स्वीडिश अकादमी ने इस वर्ष के नोबेल पुरस्कार 2025 (Nobel Prize in Literature 2025) की घोषणा करते हुए हंगरी के महान लेखक लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई (László Krasznahorkai) को सम्मानित किया है। लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई को आधुनिक साहित्य के सबसे कठिन, लेकिन गहराई वाले लेखकों में गिना जाता है। उनकी लेखन शैली लंबी, विचारपूर्ण और दार्शनिक वाक्यों के लिए मशहूर है। कई बार एक वाक्य पूरी किताब जितना फैल जाते हैं। उनकी भाषा में निराशा, हास्य और अस्तित्व की बेचैनी मिलीजुली नज़र आती है।
उन्हें यह पुरस्कार “कला की शक्ति में अडिग विश्वास और अराजकता को शब्दों के जरिए साधने की क्षमता” के लिए दिया गया है। उनका यह सम्मान यूरोपीय साहित्य की परंपरा को नई ऊंचाइयों पर ले गया। नोबेल समिति के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने स्टॉकहोम में इसकी घोषणा करते हुए कहा, "क्राज़्नाहोरकाई की रचनाएं काफ्का से थॉमस बर्नहार्ड तक की केंद्रीय यूरोपीय परंपरा का प्रतिनिधित्व करती हैं, जहां अतिशयोक्ति और विडंबना का मिश्रण मानव अस्तित्व की जटिलताओं को बताता है।" उन्हें पुरस्कार में 10 लाख डॉलर मिलेंगे।
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, "लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई, हंगरी के नोबेल साहित्य विजेता, हमारे राष्ट्र के लिए गौरव का विषय हैं। बधाई!"
एकांतप्रिय लेखक की यात्रा
लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई का जन्म 5 जनवरी 1954 को हंगरी के पूर्वी शहर ग्युला में एक आधे यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता जॉर्जी क्राज़्नाहोरकाई एक वकील थे, जिन्होंने अपना यहूदी वंश 11 वर्ष की आयु तक छिपाया, जबकि मां जूलिया पालिंकास एक सामाजिक सुरक्षा प्रशासक थीं। क्राज़्नाहोरकाई ने 1972 में एर्केल फेरेंक हाई स्कूल से लैटिन विषय में विशेषज्ञता के साथ ग्रैजुएट किया। इसके बाद उन्होंने जोसेफ अटिला विश्वविद्यालय (अब स्जेगेड विश्वविद्यालय) में कानून की पढ़ाई शुरू की, लेकिन 1976 में बुडापेस्ट के एओटवोस लोरांड विश्वविद्यालय (ईएलटीई) में चले गए। 1978 से 1983 तक उन्होंने हंगेरियन भाषा और साहित्य में डिग्री प्राप्त की, जहां उनकी थीसिस लेखक शांडोर माराई के 1948 के कम्युनिस्ट तख्तापलट के बाद निर्वासन के अनुभवों पर आधारित थी।
किताब हाउस में भी काम किया लास्ज़लो ने
पढ़ाई के दौरान वे गोंडोलाट किताब प्रकाशन हाउस में कार्यरत रहे। कम्युनिस्ट हंगरी के दौर में उन्होंने 1987 में पहली बार पश्चिम बर्लिन में फेलोशिप पर विदेश यात्रा की। पूर्वी ब्लॉक के पतन के बाद, वे विश्व भर में एकांतवासी जीवन जीने लगे। मंगोलिया, चीन और जापान की लंबी यात्राओं ने उनकी रचनाओं को गहराई प्रदान की। 1990 से पूर्वी एशिया की यात्राओं ने 'द प्रिज़नर ऑफ़ उरगा' और 'डिस्ट्रक्शन एंड सॉरो बीनेथ द हेवेंस' जैसी कृतियों को जन्म दिया। 1996, 2000 और 2005 में वे क्योटो (जापान) में छह-छह महीने रहे, जहां पूर्वी सौंदर्यशास्त्र ने उनकी शैली को निखारा। 'वार एंड वॉर' लिखते समय वे यूरोप भर घूमे और न्यूयॉर्क में कवि एलन गिन्सबर्ग से सलाह ली।मेरा लेखन निजी कार्य, अपने साहित्य पर क्या बोलना
व्यक्तिगत जीवन में, उन्होंने 1990 में अनिको पेलीहे से विवाह किया, जो तलाक में समाप्त हुआ। 1997 में सिनोलॉजिस्ट और ग्राफिक डिज़ाइनर डोरा कोपचानयी से दूसरा विवाह किया। उनके तीन बच्चे हैं। वर्षों तक बर्लिन में रहने के बाद, वे अब हंगरी के संतलास्ज़्लो पहाड़ियों में एकांत में निवास करते हैं। लास्ज़लो खुद को साहित्यिक जीवन से अलग मानते हैं; उन्होंने 'द पेरिस रिव्यू' को बताया, "लेखन मेरे लिए पूरी तरह निजी कार्य है। अपने साहित्य के बारे में बोलना मेरे सबसे गुप्त रहस्यों के बारे में पूछने जैसा है।"लास्ज़लो की साहित्यिक शैली
लंबे वाक्य और उदासीन हास्य, यही है लास्ज़लो के लिखने की शैली। उनके लेखन को पोस्टमॉडर्न शैली के लिए जाना जाता है। उनकी रचनाएं कठिन हैं और वाक्य कई बार पूरे पन्ने पर भी पूरे नहीं होते। ये वाक्य बिना विराम के दार्शनिक चिंतन बुनते हैं। उनकी कृतियां विपत्तिपूर्ण (डिस्टोपियन) और उदासीन (मेलान्कॉलिक) हैं, जो मानव सभ्यता के पतन, अराजकता और कला की मुक्ति शक्ति पर केंद्रित हैं। अमेरिकी लेखिका सुज़ैन सोन्टाग ने उन्हें "समकालीन हंगेरियन विपत्ति के स्वामी" कहा, जबकि डब्ल्यू.जी. सेबाल्ड ने उनकी तुलना गोगोल के 'डेड सोल्स' से की।
उनकी शैली में पूर्वी एशिया के प्रभाव स्पष्ट हैं। सपनों जैसे दृश्य, अतिशयोक्तिपूर्ण चरित्र और व्यवस्था-अव्यवस्था के बीच संघर्ष। प्रकाशक बारबरा एप्लर के अनुसार, "उनकी कृतियों में अंधकार के बीच अप्रत्याशित हास्य है, जो मृत हास्य की तरह बढ़ता जाता है।" लास्ज़लो की रचनाएं कम्युनिज़्म के पतन के दौर की मध्य यूरोपीय अनुभवों से प्रेरित हैं, लेकिन वे राजनीतिक भविष्यवाणी से परे जाकर कला की शक्ति पर विश्वास रखती हैं।
प्रमुख कृतियां: विपत्ति से कला तक का पुल
लास्ज़लो की पहली कृति 'साटानटैंगो' (1985) ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। यह एक ग्रामीण समुदाय के पतन की मंत्रमुग्ध कर देने वाला चित्रण है, जो 2013 में बेस्ट ट्रांसलेटेड बुक अवॉर्ड जीता और 1994 में बेला तार के निर्देशन में फिल्म बनी। 'द मेलान्कॉली ऑफ़ रेसिस्टेंस' (1989) एक सर्कस के माध्यम से अराजकता का चित्रण है, जो 2000 में 'वर्कमेस्टर हार्मोनीज़' फिल्म के रूप में रूपांतरित हुई। अन्य प्रमुख उपन्यास हैं 'वार एंड वॉर', 'डिस्ट्रक्शन एंड सॉरो बीनेथ द हेवेंस', 'सेइओबो देयर बिलो' (2013, बेस्ट ट्रांसलेटेड बुक अवॉर्ड 2014), और 'बारन वेंकहेम्स होमकमिंग'।
उनकी छोटी कहानियां जैसे 'अप्रोमुंका एक पलोटाफर्ट' (2018) में हर्मन मेलविल के भूतों से भरा मैनहट्टन का मनोरंजक चित्रण है। निबंध संग्रहों में 'द यूनिवर्सल थीसियस' (1993) और 'द मैनहट्टन प्रोजेक्ट' (2017) शामिल हैं। कई कृतियां बेला तार के साथ सहयोग से फिल्मों में बदलीं, जिसमें 'द ट्यूरिन हॉर्स' (2011) उनकी अंतिम सहयोगी रचना थी।
लास्ज़लो को मिल चुके हैं कई सम्मानलास्ज़लो को पहले से कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। 1993 में 'द मेलान्कॉली ऑफ़ रेसिस्टेंस' के लिए जर्मन बेस्टनलिस्टे-प्रीज़, 2004 में कोसुथ प्रीज़, 2010 में स्पाइचर लिटरेचरप्रेइज़, 2013 में अमेरिका अवॉर्ड, 2015 में मैन बुकर इंटरनेशनल प्रीज़ (हंगरी के लिए पहला), 2019 में नेशनल बुक अवॉर्ड फॉर ट्रांसलेटेड लिटरेचर, 2021 में ऑस्ट्रियन स्टेट प्रीज़ फॉर यूरोपियन लिटरेचर, और 2024 में फोरमेंटर लिटरेचर अवॉर्ड। वे बर्लिन के विसेंसशाफ्ट्सकोलेज (1996) और न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी के कलमैन सेंटर (2015-16) के फेलो रहे।
उनकी रचनाओं के अंग्रेजी अनुवाद ओटिली मुल्जेट, जॉर्ज स्ज़िर्तेस और जॉन बतकी द्वारा न्यू डायरेक्शंस द्वारा प्रकाशित हुए। 2015 के मैन बुकर के बाद यह नोबेल उनका दूसरा बड़ा वैश्विक सम्मान है। हंगरी से दूसरा साहित्य नोबेल विजेता होने के नाते (2002 में इम्रे केर्तेस के बाद), यह पुरस्कार मध्य यूरोपीय साहित्य का पुनरावलोकन है।