आजकल भारत और पाकिस्तान में कुछ ग़ज़ब हो रहा है। मोदी जी पकौड़ा बिकवा रहे हैं तो इमरान ख़ान अंडा और मुर्गे की बात कर रहे हैं। मोदी जी से सवाल पूछा गया कि भाई आपने प्रधानमंत्री बनने के पहले वादा किया था कि आप देश में दो करोड़ लोगों को रोज़गार दोगे। वो बोले, अच्छा ये बताओ जो पकौड़ा बेच रहे हैं क्या वो रोज़गार नहीं है। यानी उनके मुताबिक़ देश के युवा पकौड़ा बेचे। नौकरी का ख़्वाब न देखे क्योंकि पकौड़ा बेचना भी रोज़गार है। सवाल ये है कि क्या देश के पढ़े-लिखे युवाओं ने इसलिये मोदी जी को जिताया था कि वो इंजीनियर-डॉक्टर बनने का सपना न देखे?