loader

एफ़एटीएफ़ ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान, अमेरिका ने कहा, आतंकवादियों की शरणस्थली 

आतंकवाद से लड़ने में नाकामी के मुद्दे पर पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि इस बार भी उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स की ग्रे लिस्ट में रहने दिया जाए। 
एफएटीएफ़ कई देशों का अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो आतंकवाद और ड्रग्स कारोबार को वित्तीय मदद देने और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर नज़र रखता है। ग्रे लिस्ट में वे देश होते हैं जिन पर नज़र रखी जाती है। उन्हें अपनी स्थिति सुधारने को कहा जाता है। 
बुधवार को एफ़एटीएफ़ की प्लेनरी बैठक हुई। समझा जाता है कि उसमें यह फ़ैसला  लिया जा चुका है, लेकिन उसकी घोषणा बाद में की जाएगी। 
दुनिया से और खबरें
पिछली बैठक में पाकिस्तान से कहा गया था कि वह आतंकवाद को पैसे मुहैया कराने से रोकने के लिए पर्याप्त कोशिशें नहीं कर रहा है। उसे 27 बिदुओं वाला एक्शन प्लान दिया गया था। समझा जाता है कि वह उसे पूरा करने में नाकाम रहा है। 

लेकिन, इसके उलट पाकिस्तान ने इस बैठक में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में रहने वाला एक भारतीय नागरिक आतंकवादी गतिविधियों को वित्तीय मदद मुहैया कराता है और उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव को अमेरिका ने रोक दिया। 

पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी

पाकिस्तान ने बुधवार को हुई इस बैठक में कहा कि चार भारतीय नागरिक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं और उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवादियों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। 
फिलहाल एफ़एटीएफ़ की अध्यक्षता चीन के पास है और इसके प्रतिनिधि शियांगमिन लिऊ प्रमुख हैं। लेकिन जुलाई में एफ़एटीएफ़ का अध्यक्ष जर्मनी हो जाएगा। समझा जाता है कि उसके बाद इसलामाबाद को दिक्क़तें होंगी क्योंकि आतंकवाद पर जर्मनी का रवैया अधिक सख़्त है। 

क्या कहना है अमेरिका का?

दूसरी ओर, अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों की शरणस्थली बना हुआ है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, पर वे नाकाफी हैं और अभी भी पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने जैश-ए-मुहम्मद के संस्थापक मसूद अज़हर और मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के अभियुक्त साजिद मीर के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें