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ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक

ऋषि सुनक राम कथा में पहुंचे, कहा-'यहां हिंदू के रूप में, ब्रिटिश पीएम नहीं'

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक मंगलवार को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित कथा वाचक मोरारी बापू की 'राम कथा' में शामिल हुए थे। उन्होंने इस मौके पर कहा- “आज भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में मोरारी बापू की राम कथा में उपस्थित होना वास्तव में सम्मान और खुशी की बात है। बापू, मैं आज यहां एक प्रधान मंत्री के रूप में नहीं बल्कि एक हिंदू के रूप में हूं!'' सुनक का यह कहना दरअसल ब्रिटेन की उच्च धर्मनिरपेक्ष परंपरा का पालन करते हुए कहना जरूरी था। क्योंकि देश का प्रधानमंत्री किसी धर्म विशेष के प्रति झुकाव नहीं दिखा सकता। इसके बरक्स कट्टर मजहबी देशों को देखें तो वहां की परंपरा उलट है। भारत में भी पहले ऐसी परंपरा रही है। लेकिन 2014 में भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने के बाद स्थितियां बदल गई हैं। खुद को सबसे बड़ा लोकंत्र बताने वाले भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बर्ताव एक धर्म विशेष के प्रति खासतौर पर दिखता है। 

ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने रामकथा के उसी कार्यक्रम में कहा कि उनके लिए आस्था बहुत व्यक्तिगत है और यह उनके जीवन के हर पहलू में उनका मार्गदर्शन करती है। 

जय सियाराम का नारा

ऋषि सुनक उसी कार्यक्रम के एक वीडियो में 'जय सिया राम' का नारा लगाते हुए भी नजर आ रहे हैं। हालांकि भारत में यह नारा भाजपा ने जय श्रीराम के रूप में बदल दिया है। जिसे भाजपा कार्यकर्ता बहुत उत्तेजित होकर लगाते हैं। लेकिन भारत में अभी भी ऐसे लोग मिल जाएंगे जो 'जय सिया राम' का नारा लगाते हैं, उन्होंने भाजपाई नारे को नहीं अपनाया। 

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रामकथा के मंच पर हनुमान जी के चित्र का जिक्र करते हुए ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने कहा: “जैसे बापू के मंच पर एक स्वर्ण हनुमान हैं, मुझे गर्व है कि 10, डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश पीएम का निवास) में मेरी मेज पर एक स्वर्ण गणेश प्रसन्नतापूर्वक विराजमान हैं।”

ऋषि सुनक ने कहा कि उन्हें ब्रिटिश और हिंदू होने पर गर्व है, इससे पहले मेरा बचपन साउथ हैम्पटन में बीता, जहां अपने भाई-बहनों के साथ मैं अपने पड़ोस के मंदिर में जाया करता था। भारतीय मूल के पहले प्रधान मंत्री ने अपने समापन भाषण में कहा कि भगवान राम हमेशा उनके लिए एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे।
उन्होंने कहा- “मैं आज यहां से उस रामायण को याद करते हुए जा रहा हूं जिस पर बापू बोलते हैं। साथ ही भगवद गीता और हनुमान चालीसा को भी याद करता हूं। मेरे लिए, भगवान राम हमेशा जीवन की चुनौतियों का साहस के साथ सामना करने, विनम्रता के साथ शासन करने और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए एक प्रेरणादायक व्यक्ति रहेंगे।”
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ऋषि सुनक ने मंच पर आरती में भी हिस्सा लिया। मोरारी बापू ने उन्हें ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा के पवित्र प्रसाद के रूप में सोमनाथ मंदिर का एक पवित्र शिवलिंग भेंट किया। ब्रिटेन में आयोजित इस कार्यक्रम में यहां के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप की बार-बार झलक मिली। ब्रिटेन में सभी को पूरी धार्मिक आजादी है। यहां के प्रधानमंत्री देश पर अपना धर्म थोपने या उसे बढ़चढ़ कर दिखाने की कोशिश नहीं करते।

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क़मर वहीद नक़वी
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