तालिबान ने जब अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथों में ली थी तभी यह साफ़ हो गया था कि सबसे ज़्यादा दिक्कतें महिलाओं को आने वाली हैं। दिक्कतें क्या, कह सकते हैं कि उनकी ज़िंदगी ही तबाह होने वाली है। भला ये भी कोई बात हुई कि घरों में खिड़की नहीं हो सकती क्योंकि महिलाएँ बाहर न देख सकें या बाहर से कोई महिलाओं को न देख सके! तालिबान ने तो कम से कम ऐसा ही फरमान निकाला है।