Trump Putin Alaska Summit यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है कि अगर रूस अलास्का शिखर सम्मेलन से पहले यूक्रेन युद्ध समाप्त नहीं करता है, तो उसे "गंभीर परिणाम" भुगतने होंगे। यह बैठक शुक्रवार को होने वाली है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी कि यूक्रेन युद्ध नहीं रुका तो रूस को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। शुक्रवार को दोनों अलास्का शिखर सम्मेलन में मिलने वाले हैं। ट्रंप ने वाशिंगटन में कैनेडी सेंटर में बोलते हुए कहा, "मुझे यह कहने की जरूरत नहीं है, लेकिन परिणाम बहुत गंभीर होंगे।" हालांकि, उन्होंने ये नतीजे किस तरह के होंगे, कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।
ट्रंप और पुतिन के बीच यह बैठक यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इससे पहले, ट्रंप ने कई बार पुतिन को युद्ध समाप्त करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन बार-बार की बातचीत और फोन कॉल्स के बावजूद कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। हाल ही में, ट्रंप ने रूस पर तेल निर्यात के खिलाफ कठोर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, लेकिन इसका रूस पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यह स्पष्ट नहीं है।
पुतिन ने पिछले सप्ताह क्रेमलिन में ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के साथ मुलाकात के दौरान संकेत दिया कि रूस अब यूक्रेन के साथ क्षेत्रीय समझौते पर बातचीत के लिए तैयार है। ट्रंप ने इस बारे में कहा, "हम कुछ क्षेत्र वापस लेंगे, और कुछ का आदान-प्रदान होगा, जो दोनों पक्षों के लिए बेहतर होगा।" पुतिन ने ट्रंप की इस भाषा को समझा, जो अचल संपत्ति के सौदों की तरह है, और इसके जरिए वह जनवरी से चाह रहे एक निजी मुलाकात को हासिल करने में सफल रहे, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की शामिल नहीं होंगे।
हालांकि, यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि यूक्रेनी संविधान उनकी सरकार को देश की जमीन पर किसी भी तरह की सौदेबाजी की इजाजत नहीं देता। इसके अलावा, यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमले तेज कर दिए हैं, जिसमें लिपेत्स्क क्षेत्र में एनर्जिया उद्यम पर हमला शामिल है, जो रूसी हथियारों के लिए रासायनिक ऊर्जा स्रोत बनाता है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी चेतावनी दी है कि यदि पुतिन किसी शांति समझौते का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें "गंभीर परिणाम" भुगतने होंगे। उन्होंने लंदन में 31 सहयोगी देशों के रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि बिना सुरक्षा व्यवस्था के कोई भी समझौता पुतिन द्वारा तोड़ा जाएगा।
इस बीच, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज है। कई यूजर्स ने ट्रंप की इस चेतावनी को महत्वपूर्ण माना है, जबकि कुछ ने इसे रूस के खिलाफ एक सख्त रुख के रूप में देखा।
विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन केवल क्षेत्रीय सौदों से संतुष्ट नहीं होंगे। वे चाहते हैं कि यूक्रेन को नाटो या किसी अन्य पश्चिमी सैन्य गठबंधन में शामिल होने से रोका जाए और उसकी सैन्य ताकत को सीमित किया जाए। दूसरी ओर, ट्रंप का लक्ष्य युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना है, जबकि पुतिन रूस की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं।
यह शिखर सम्मेलन वैश्विक कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, और इसके परिणाम न केवल यूक्रेन और रूस, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और भारत-रूस संबंधों पर भी असर डाल सकते हैं।