अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इसराइल ने ग़ज़ा से सेना की 'शुरुआती वापसी लाइन' पर हामी भर दी है। हमास को यह योजना सौंपी गई है। यदि हमास पुष्टि करता है तो तत्काल युद्धविराम प्रभावी हो जाएगा। ट्रंप ने इसे 3 हज़ार साल पुरानी आपदा के अंत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। इससे तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की उम्मीद जागी है। हालाँकि, इस घोषणा के बीच ही शनिवार को ग़ज़ा में इसराइली हवाई हमलों से तनाव बना रहा।

ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में इसराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक 20-सूत्री शांति योजना पेश की थी, जिसमें चरणबद्ध युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, कैदियों का आदान-प्रदान और ग़ज़ा का पुनर्निर्माण शामिल है। योजना के पहले चरण में इसराइल को ग़ज़ा के कुछ हिस्सों से सेना हटानी होगी, जबकि हमास को इसराइली बंधकों को रिहा करना होगा। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक नक्शा साझा करते हुए लिखा, 'गहन वार्ताओं के बाद इसराइल ने शुरुआती वापसी लाइन पर सहमति दी है, जिसे हमने हमास को दिखाया और उससे साझा किया है। जब हमास पुष्टि करेगा, युद्धविराम तुरंत प्रभावी हो जाएगा, बंधक और कैदी आदान-प्रदान शुरू होगा और अगले चरण की वापसी की शर्तें बनेंगी, जो हमें इस 3000 साल पुरानी आपदा के अंत के करीब ले जाएंगी।'
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नक्शे के अनुसार, यह शुरुआती वापसी लाइन ग़ज़ा के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसराइल की वर्तमान नियंत्रण रेखा के समान है, जहां सेना ग़ज़ा सिटी के प्रमुख क्षेत्रों, रफाह और खान यूनिस में बनी रहेगी। नेतन्याहू ने शनिवार शाम को एक संबोधन में कहा, 'हम एक बहुत बड़ी उपलब्धि के कगार पर हैं। सैन्य और कूटनीतिक दबाव से हमास ने हमारे प्रस्ताव पर सहमति जताई है।' उन्होंने उम्मीद जताई कि 6-13 अक्टूबर तक होने वाले सुखोत त्योहार के दौरान सभी बंधकों की रिहाई की घोषणा हो सकती है।

आंशिक सहमति, लेकिन शर्तें बाकी

हमास ने शुक्रवार को ट्रंप की योजना के प्रमुख बिंदुओं पर सहमति जताई, जिसमें युद्ध समाप्ति, इसराइल की पूर्ण वापसी और बंधकों की रिहाई शामिल है। लेकिन समूह ने कई मुद्दों पर आगे वार्ता की मांग की, जैसे ग़ज़ा का युद्धोत्तर प्रशासन और हमास का निरस्त्रीकरण। हमास के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम इसराइल की वापसी और उचित क्षेत्रीय शर्तों पर सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार हैं, लेकिन योजना के अन्य हिस्सों पर बातचीत जरूरी है।' ट्रंप ने हमास की प्रतिक्रिया का स्वागत किया और इसराइल से बमबारी तुरंत रोकने की अपील की, लेकिन शनिवार को इसराइली वायुसेना ने ग़ज़ा पर दर्जनों हमले किए, जिसमें ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कम से कम 36 लोग मारे गए।

मिस्र में वार्ताएं सोमवार से शुरू होने वाली हैं, जिसमें अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जेरेड कुश्नर हिस्सा लेंगे।

ट्रंप ने कहा, 'यह एक बड़ा दिन है। इसराइल ने योजना को स्वीकार किया है, लेकिन अंतिम शब्द ठोस में बदलना बाकी है।' नेतन्याहू ने जोर दिया कि दूसरे चरण में हमास को निरस्त्र किया जाएगा और ग़ज़ा को गैर-सैन्यीकृत बनाया जाएगा- 'यह कूटनीतिक या सैन्य रास्ते से होगा, लेकिन होगा जरूर।' फिलिस्तीनी निवासी महमूद ने खान यूनिस से बीबीसी को बताया, 'लोग उम्मीद से भरे हैं, लेकिन नेतन्याहू इसे तोड़ न दें, जैसा वे अक्सर करते हैं।'

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने योजना का स्वागत किया, लेकिन मानवीय संकट पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। ईरान और हिजबुल्लाह ने चेतावनी दी कि कोई भी समझौता क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यह योजना स्थायी शांति की दिशा में कदम है, लेकिन हमास के निरस्त्रीकरण पर सख्ती बरती जाएगी।
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ग़ज़ा में तबाही, उम्मीद की किरण

दो साल के संघर्ष में ग़ज़ा में 40 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, लाखों विस्थापित हुए हैं और भुखमरी का संकट गहरा गया है। ट्रंप की घोषणा से ग़ज़ा के निवासियों में आशा जगी है, लेकिन शनिवार के हमलों ने भय पैदा किया। एक फिलिस्तीनी निवासी ने रॉयटर्स को बताया, 'हमने कई युद्धविराम देखे जो टूट गए। अब उम्मीद है कि यह टिके।' 

ट्रंप ने पहले ही चेतावनी दे दी है कि यदि रविवार शाम 6 बजे तक समझौता न हुआ, तो स्थिति बिगडे़गी। यह घोषणा मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, लेकिन हमास की पुष्टि और आगे की वार्ताओं पर सब कुछ निर्भर करता है।