अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस मुलाकात में यूक्रेन-रूस युद्ध को ख़त्म करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। ट्रंप ने इसे युद्ध ख़त्म करने का एक सही अवसर बताया। ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात के बाद ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं से भी मुलाक़ात की। ट्रंप ने कहा है कि वह जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फिर बात करेंगे।

ट्रंप और ज़ेलेंस्की की यह मुलाकात युद्ध को खत्म करने के लिए है। यह बैठक व्हाइट हाउस में शुरू हुई। ट्रंप ने ज़ेलेंस्की का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की। ट्रंप ने कहा, 'यदि आज सब कुछ ठीक रहा, तो हम एक त्रिपक्षीय बैठक करेंगे और मुझे लगता है कि ऐसा करने पर युद्ध समाप्त होने की सही संभावना होगी... लोग मारे जा रहे हैं, और हम इसे रोकना चाहते हैं... मैं जानता हूं कि राष्ट्रपति (ज़ेलेंस्की), मैं स्वयं और, मेरा मानना है कि व्लादिमीर पुतिन इसे ख़त्म होते देखना चाहते हैं।'
ताज़ा ख़बरें
यूरोपीय नेताओं ने ज़ेलेंस्की का समर्थन किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ज़ेलेंस्की के समर्थन में हैं। नाटो महासचिव मार्क रुटे और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी अमेरिका पहुँचे हैं। इन नेताओं ने यूक्रेन के लिए एक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की मांग की है।

ट्रंप का रुख

ट्रंप ने कहा है कि युद्ध को खत्म करना संभव है। उन्होंने ज़ेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन को क्रीमिया और नाटो की सदस्यता छोड़ देनी चाहिए। ट्रंप ने कहा, 'ज़ेलेंस्की युद्ध को तुरंत खत्म कर सकते हैं।' उन्होंने क्रीमिया को रूस के नियंत्रण में रहने की बात कही। ट्रंप ने नाटो में यूक्रेन के प्रवेश का विरोध किया। उन्होंने शांति समझौते की वकालत की, न कि अस्थायी युद्धविराम की। ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा। ज़ेलेंस्की ने क्रीमिया को रूस को देने से इनकार किया। हालाँकि ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। पिछली बार दोनों नेताओं के बीच काफी तल्खी दिखी थी और तब यह बातचीत दुनिया भर में सुर्खियों में रही थी। इस बार कुछ वैसा नहीं हुआ।

ज़ेलेंस्की ने कहा की शांति स्थायी होनी चाहिए। उन्होंने यूरोपीय नेताओं के समर्थन की सराहना की और कहा कि रूस को युद्ध शुरू करने की कीमत चुकानी होगी।

पुतिन के साथ हालिया बातचीत

इससे पहले ट्रंप ने शुक्रवार को अलास्का में पुतिन से मुलाकात की थी। यह मुलाकात तीन घंटे तक चली। कोई शांति समझौता नहीं हुआ। पुतिन ने यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों पर दावा किया। ट्रंप ने कहा कि उनकी बातचीत सफल थी। ट्रंप ने कहा कि वह जल्द ही फिर से पुतिन से बात करेंगे।

यूरोपीय नेताओं का नज़रिया

यूरोपीय नेताओं ने रूस पर दबाव बढ़ाने की बात कही। उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को और सख्त करने की मांग की। कीर स्टार्मर ने कहा, 'हम यूक्रेन के साथ हैं।' मैक्रों ने कहा कि रूस पर दबाव तब तक जारी रहेगा जब तक स्थायी शांति नहीं आती। यूरोपीय नेताओं ने त्रिपक्षीय वार्ता का समर्थन किया।
दुनिया से और खबरें

भारत की प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रंप और पुतिन की मुलाकात का स्वागत किया। विदेश मंत्रालय ने कहा, 'युद्ध का अंत बातचीत और कूटनीति से ही संभव है।' भारत ने यूक्रेन में शांति की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के लिए शांति और प्रगति की कामना की।

युद्ध की स्थिति

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध तीन साल से अधिक समय से चल रहा है। रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा किया था। डोनेट्स्क और लुहान्स्क में भी रूस का नियंत्रण है। यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की इच्छा जताई है। रूस इसका विरोध करता है। हाल ही में रूसी सेना ने यूक्रेन के दो गाँवों पर कब्जा किया।

ट्रंप ने कहा कि वह पुतिन से फिर बात करेंगे। ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन की संप्रभुता पर जोर दिया। यूरोपीय नेता एकजुट होकर यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। शांति वार्ता की संभावना बनी हुई है। लेकिन कोई ठोस समझौता अभी नहीं हुआ। यह मुलाकात युद्ध के अंत की दिशा में एक कदम हो सकती है।