अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले को "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" नाम दिया था। इस ऑपरेशन के बारे में अमेरिकी रक्षा सचिव (डिफेंस चीफ) पीट हेगसेथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविवार को विस्तृत जानकारी दी। हमले 21 जून, 2025 को देर रात शुरू हुए, और B-2 बॉम्बर्स ने मिसूरी के व्हिटमैन एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी। 

हेगसेथ ने कहा कि ऑपरेशन मिडनाइट हैमर का लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "गंभीर रूप से कमजोर" करना और इसे "पूरी तरह नष्ट" करना था। उन्होंने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम "विनाशकारी रूप से प्रभावित" हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमले का मकसद ईरान के परमाणु संवर्धन क्षमता को खत्म करना और उनके मुताबिक "विश्व के सबसे बड़े आतंकवाद प्रायोजक देश" (कथित तौर पर) द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकना था।
हेगसेथ ने बताया कि ऑपरेशन में B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स का इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), यानी "बंकर बस्टर" बमों का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी दागी गईं।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन "हमारे लोग, साझेदार, या हितों" पर खतरा होने पर "तेजी से और निर्णायक रूप से" कार्रवाई करेगा।

ऑपरेशन की खास बातें

  • हेगसेथ ने ऑपरेशन को "ऐतिहासिक" बताया, क्योंकि यह 2001 के बाद B-2 बॉम्बर्स की सबसे लंबा मिशन था और MOP बमों का पहला ऑपरेशनल उपयोग था। 

  • जनरल डैन केन ने ब्लूमबर्ग टीवी पर कहा कि ऑपरेशन "स्पीड और प्रेसिजन" के साथ सफल रहा।

  • ऑपरेशन अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के तहत किया गया।

हमले के बाद 


  • ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हमलों को "अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन" बताया और कहा कि अमेरिका ने "कूटनीति को धोखा दिया।" 

  • ईरान ने जवाबी हमले किए, जिसमें तेल अवीव के रमात अवीव इलाके में इमारतें तबाह हुईं। ईरान ने "सभी विकल्प खुले" रखने की बात कही।

फ़ोर्दू नष्ट करने का दावा

हेगसेथ ने दावा किया कि हमले में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों नतन्ज़, फ़ोर्दू और इसफ़हान को निशाना बनाया गया। फोर्डो, जो 300 फीट भूमिगत है, विशेष रूप से मजबूत था, लेकिन अमेरिकी बमों ने इसे नष्ट कर दिया।
जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन डैन केन ने कहा कि ऑपरेशन का डिज़ाइन ईरान की परमाणु बुनियादी ढांचे को "गंभीर रूप से कमजोर" करने के लिए था।

हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन में "ईरानी सैनिकों या लोगों" को निशाना नहीं बनाया गया। इसका फोकस केवल परमाणु सुविधाओं पर था।उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन पिछले प्रशासन की नीतियों से अलग था, और यह "राष्ट्रपति ट्रम्प की बातों को गंभीरता से लेने" का संदेश था।

ईरान को चेतावनी 

हेगसेथ ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर वह अमेरिका के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई करता है, तो उसे "आज से कहीं अधिक बड़ी ताकत" का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, "ईरान को राष्ट्रपति ट्रम्प की बात माननी चाहिए।"
हेगसेथ ने इसे "बिना बाधा वाला" और "शानदार" ऑपरेशन बताया, जिसमें "महीनों की तैयारी और हफ्तों की स्थिति निर्धारण" शामिल थी। उन्होंने कहा कि B-2 बॉम्बर्स "बिना दुनिया को पता चले" अंदर गए और वापस लौट आए। ऑपरेशन में एक "छलावे" (deception) वाली रणनीति शामिल थी, जिसने इसे और प्रभावी बनाया।