संपादक से सांसद, उप सभापति बने; अब राष्ट्रपति पद के रास्ते पर हरिवंश!
कृषि विधेयकों पर राज्यसभा में समूची सरकार फँसी हुई थी, ऐसे में हरिवंश उसके संकटमोचक बन कर उभरे हैं। उन्होंने सदन की तरफ़ बिना आँख उठाए एक झटके में उस सरकार को उबार दिया जिसकी साँस अटकी हुई थी। यह कोई मामूली बात तो नहीं है।