करोड़ों लोगों को किन दस्तावेज़ों के बूते लाइनों में लगकर अपनी ‘भारतीयता’ साबित करने को कहा जा रहा है? नोटबंदी में तो वे दूसरों के ’काले को’ लाइनों में लगकर सफेद कर रहे थे।
सरकारी नीतियों के नकारेपन के कारण उदारीकरण-वैश्वीकरण के दौर में लाखों किसान आत्महत्या कर चुके हैं और रोज़गार के आँकड़े भी बेहद ख़राब हैं।