प्रेम कुमार समसामयिक विषयों पर लिखते रहते हैं।
दर्शकों का इतना चहेता होने के बावजूद यू ट्यूब पर लोगों की ओर से नापसंद किया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के लिए खतरे की घंटी है।
केंद्र सरकार जेईई और एनईईटी परीक्षाएं हर हाल में करवाने पर अडिग है और छात्रों की तमाम समस्याओं की अनदेखी करते हुए उनकी तमाम आपत्तियों को खारिज कर रही है। ऐसे में वर्चुअल परीक्षा क्यों नहीं हो सकती?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कोरोना महामारी को ही ‘एक्ट ऑफ़ गॉड’ कहा है। ऐसा कहकर बीते छह सालों में लगातार गिरती अर्थव्यवस्था के वाजिब कारणों को पहचाने से भी बचने की कोशिश कर रही है केंद्र सरकार।
JEE की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को निर्धारित है। क्या लाखों छात्रों की ज़िन्दगी को कोरोना काल में दाँव पर लगा दिया जाए? क्या कोरोना की वजह से देश के लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद कर दिया जाए?
इस सदी के अंत तक यानी 2100 आते-आते भारत की जनसंख्या 1 अरब 9 करोड़ रह जाएगी यानी अभी के मुक़ाबले क़रीब 30 करोड़ कम।