अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ को बढ़ाकर 50% करने और सेकेंडरी सैंक्शन्स लगाने का संकेत दिया है। यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया मोड़ है, खासकर तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की दोस्ती की तस्वीरें और "हाउडी मोदी" जैसे आयोजनों की यादें अभी ताजा हैं। आखिर ट्रंप की नाराजगी का कारण क्या है? क्या यह भारत पर दबाव डालने की रणनीति है? और क्या भारत इस दबाव का जवाब देने के लिए चीन जैसे सहयोगी की ओर बढ़ेगा, या स्वदेशी नीतियों पर जोर देगा?
ट्रंप के टैरिफ़ का भारत पर असर: क्या बढ़ेंगी आर्थिक चुनौतियाँ?
- विश्लेषण
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- 7 Aug, 2025

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ़ ने आर्थिक हलचल तेज़ कर दी है। जानिए कि यह फैसला भारत की अर्थव्यवस्था, व्यापारिक संबंधों और वैश्विक स्थिति पर किस तरह का प्रभाव डाल सकता है।
ट्रंप और मोदी की दोस्ती
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ दोस्ती को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। "नमस्ते ट्रंप" और "हाउडी मोदी" जैसे आयोजनों से लेकर ट्रंप के समर्थन में हवन तक, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत का माहौल पूरी तरह अमेरिका के पक्ष में बना हुआ था। लेकिन ट्रंप ने इन तमाम भंगिमाओं को दरकिनार करते हुए भारत पर कड़े टैरिफ लगा दिये। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में रूस की "युद्ध मशीन" को फंड कर रहा है। इसके अलावा, वे भारत के उच्च टैरिफ और व्यापार असंतुलन से भी नाराज हैं। ट्रंप का मानना है कि भारत का टैरिफ ढांचा दुनिया में सबसे ऊंचा है और यह अमेरिका के साथ "निष्पक्ष व्यापार" में बाधा है। साथ ही, भारत की ब्रिक्स जैसे समूहों में हिस्सेदारी को वे "अमेरिका-विरोधी" मानते हैं।