गृह मंत्री अमित शाह का ये कहना कि "हमारी ज़िंदगी में वो दिन आएगा जब अंग्रेज़ी बोलने वाले शर्मिंदा महसूस करेंगे..." सिर्फ़ महात्मा गांधी, रवीन्द्रनाथ ठाकुर और मौलाना आज़ाद जैसे स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं की विरासत का अपमान नहीं है, बल्कि संविधान का भी खुला उल्लंघन है, जिसमें भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी — दोनों के प्रयोग की स्पष्ट व्यवस्था दी गई है। यह टिप्पणी उन्होंने संविधान के 75वें वर्ष पर की, जिससे इस मौक़े की गरिमा को ठेस पहुँची।