असम विधानसभा चुनाव की आहट के साथ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का खेल शुरू हो गया है। दस साल से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक एआई-जनरेटेड वीडियो जारी किया है जिससे माहौल गरमा गया है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि बीजेपी की सरकार न रही तो असम में मुस्लिमों की आबादी 90 फ़ीसदी हो जाएगी। लोकसभा में विपक्ष के उपनेता और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई को "पाकिस्तानी गुर्गा" बताया गया है। तमाम सवालों से घिरी मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने बचाव का यही रास्ता लिया है। समाज नदियों और हवाओं के प्रदूषण पर चिंता जताता है, लेकिन दिमाग को जहरीला बनाने वाले इस अभियान का क्या नतीजा निकलेगा, समझना मुश्किल हीं है।
असम सरकार की नाकामियों को कैसे ढँकेगा बीजेपी का ज़हरीला एआई वीडियो?
- विश्लेषण
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- 18 Sep, 2025

असम सरकार की नाकामियों को छिपाने के आरोपों के बीच बीजेपी का ज़हरीला एआई वीडियो चर्चा में है। जानें कैसे राजनीतिक दल एआई तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं और इसका असर लोकतंत्र पर क्या पड़ रहा है।
2026 का रण
असम में अगले विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में होंगे, जब वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 2 मई 2026 को समाप्त होगा। पिछले पांच साल से हिमंता बिस्वा सरमा मुख्यमंत्री हैं। 2021 में बीजेपी-नीत एनडीए ने 126 में से 75 सीटें जीती थीं, और अब 95 सीटों का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी ने सांप्रदायिक तनाव भड़काने का फ़ैसला लिया है। इस संदर्भ में जो एआई वीडियो जारी हुआ है, वह झूठ का पुलिंदा है।