भारत ने 28 सितंबर को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में हुए एशिया कप 2025 का फाइनल जीत लिया। भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर नौवीं बार ट्रॉफी अपने नाम की। पाकिस्तान ने 146 रन बनाए, और तिलक वर्मा की नॉटआउट 69 रनों की पारी ने भारत को जीत दिलायी। लेकिन यह जीत उत्साह के बजाय विवादों में घिर गई। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशियाई क्रिकेट काउंसिल (ACC) के चेयरमैन और पाकिस्तान के मंत्री मोहसिन नकवी के हाथों ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया और खिलाड़ियों की मैच फ़ीस भारतीय सेना को दान करने का ऐलान किया। बीसीसीआई ने भी इसका समर्थन किया। और प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा कि यह खेल के मैदान में ऑपरेशन सिंदूर था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने से लेकर ट्रॉफ़ी न लेने तक का फैसला खिलाड़ियों का था या फिर सरकार की ओर से थमाई गयी स्क्रिप्ट का हिस्सा। क्या सरकार खेल को युद्ध के मैदान में बदलकर पहलगाम में हुई नाकामी पर पर्दा डालना चाहती है?
पहलगाम की नाकामी को एशिया कप से कैसे ढँक पायेंगे मोदी!
- विश्लेषण
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- 30 Sep, 2025

पहलगाम में हुई सुरक्षा चूक और सरकार की नाकामी पर सवाल उठ रहे हैं। क्या एशिया कप में भारत की जीत से प्रधानमंत्री मोदी इस विवाद को पीछे छोड़ पाएंगे?
एशिया कप
एशिया कप, ACC का एक द्विवार्षिक टूर्नामेंट है, जो 1984 से आयोजित होता है। इसका मकसद एशियाई देशों में क्रिकेट को बढ़ावा देना और आपसी दोस्ती को मजबूत करना है। 1984 से 2014 तक यह ज्यादातर वनडे फॉर्मेट में खेला गया, लेकिन 2016, 2022 और 2025 में टी-20 फॉर्मेट में हुआ। इस बार आठ टीमें थीं: भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, ओमान और यूएई। टूर्नामेंट 14 सितंबर से शुरू हुआ और दुबई में न्यूट्रल वेन्यू पर खेला गया, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया था।