क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बरदोलोई को लिखी नेहरू की चिट्ठी को परिप्रेक्ष्य से काट कर और ग़लत ढंग से पेश किया है? क्या इस मुद्दे पर बीजेपी और मोदी ने बिल्कुल यू-टर्न लिया है। क्या बीजेपी ने असम चुनाव के समय इस चिट्ठी को जिस रूप में उद्धृत किया था, अब उसी चिट्ठी को बिल्कुल उसके उलट रूप से पेश कर रही है?