उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चुप्पी पर सियासी बहस। क्या वे घर में नज़रबंद हैं या स्वैच्छिक चुप्पी साधे हुए हैं? विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़। देखिए आशुतोष की बात में।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।