पाकिस्तान आर्मी के लिए आने वाले महीने चुनौतीपूर्ण होंगे। एक तरफ़ सेना के अंदर इमरान खान के समर्थकों पर नियंत्रण रखना और दूसरी ओर आने वाले आम चुनाव में अपनी पसंद की पार्टी को जीत दिलाकर अपनी इज़्ज़त को कायम रखना है।