अभी हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से बवाल मचा हुआ है। उसको आसान शब्दों में समझें।
माधवी व धवल बुच, सेबी और अडानी में क्या संबंध? जानें पूरी कहानी
- विश्लेषण
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- 12 Aug, 2024


हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में इस्तेमाल की गई संदिग्ध ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। जानिए, आख़िर अब तक इस मामले में क्या जानकारी आई है और क्या है पूरी कहानी।
पिछले कुछ साल में भारत में आरईआईटी कंपनी खोलने की शुरुआत हुई। आरईआईटी मतलब होता है रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट। जैसे म्यूचुअव फंड शेयर में पैसा लगाते हैं, वैसे आरईआईटी रियल एस्टेट में पैसा लगाते हैं। उनसे होने वाली किराए की आय ही इनका आय स्रोत होती है। विदेशों में ये काफ़ी प्रचलित है- वहाँ बड़ी बड़ी रेंटल ऑर्गेनाइज़ेशन होती हैं जो सिर्फ़ किराए पर देने के लिए कमर्शियल और रहने के फ़्लैट्स बनाते हैं।
ब्लैकस्टोन दुनिया की सबसे बड़ी आरईआईटी निवेशक और प्रायोजक कंपनियों में से है। ब्लैकस्टोन ने भारत में दो आरईआईटी कंपनी को प्रायोजित किया है। सेबी चेयरमैन माधवी बुच के पति धवल बुच इसी ब्लैकस्टोन ग्रुप में एडवाइजर नियुक्त किए गए थे।













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