मोदी सरकार और बीजेपी भारत के लोकतंत्र पर उठ रहे सवालों पर बिदकने लगती है। लेकिन दुनिया के सामने अब यह लोकतंत्र के नष्ट होने का स्पष्ट मामला है। इस संदर्भ में शोध करने वाली संस्थाओं का स्पष्ट मानना है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है।
Economist Intelligence Unit (EIU) Democracy Index 2024:
- भारत की रैंक: 41वीं (2014 में 27वीं)
- स्कोर: 7.18 (फ्लॉड डेमोक्रेसी)
- कुल देश: 167
V-Dem Institute Democracy Report 2024:
- भारत को "electoral autocracy" कहा।
- रैंक: 100वाँ (179 देशों में)
- "closed autocracy" बनने के करीब।
इसका मतलब—भारत में चुनाव होते हैं, लेकिन नियंत्रित और प्रभावित। लोकतंत्र त्रुटिपूर्ण है।
राहुल ने चेताया
राहुल गाँधी जो कह रहे हैं, वह दुनिया के शोध संस्थान पहले से कह रहे हैं। जो काम मीडिया करता था—फ़र्ज़ी वोटर, डुप्लीकेट वोटर पर ख़बरें—अब नेता प्रतिपक्ष कर रहे हैं। लेकिन मीडिया का बड़ा हिस्सा सवालों से ध्यान भटका रहा है।
बीजेपी के ही पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के.सिंह ने बिहार में 62 हज़ार करोड़ का घोटाला बताया—उस चैनल ने ख़बर ग़ायब कर दी जिसने इंटरव्यू दिखाया था। फ्लॉड डेमोक्रेसी और क्या होती है?
डॉ. आंबेडकर ने कहा था:
“संविधान कितना भी अच्छा हो, अगर उसे चलाने वाले बुरे हों, तो वो बुरा हो जाएगा।”
आज हम उनकी आशंका को सही होते देख रहे हैं। संविधान के ही प्रावधानों का इस्तेमाल कर भारत को निर्वाचित तानाशाही में बदल दिया गया है।
भारत को इस दुर्दशा से बचाना केवल राहुल गाँधी की ज़िम्मेदारी नहीं है। जनाकांक्षाओं के अनुरूप सरकारें न बनीं तो इस देश के नागरिकों का होगा। यह बात जितनी जल्दी समझ ली जाये, उतना अच्छा है।