चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा किया है- 150 सीटें नहीं मिलीं तो कुछ नहीं! क्या बिहार चुनाव में PK खुद को किंगमेकर नहीं, बल्कि निर्णायक खिलाड़ी साबित करना चाहते हैं? देखिए, आशुतोष की बात में पूरा राजनीतिक विश्लेषण।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।











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