सबको पता है कि सरकार ने मीडिया को पूरी तरह नियंत्रित कर रखा है और सरकार के खिलाफ खबरें नहीं छपती हैं। ऐसे में कुछ लोगों ने अपनी बात किताबों के जरिये बताई। उसमें भी लोगों को समस्या आई। कई लोगों ने किताबें खुद प्रकाशित कीं। कई लोगों को उनकी किताबों के लिए परेशान किया गया। आज के समय में किताब लिखने से मुश्किल है प्रकाशक ढूंढ़ना। इसके बावजूद कई अच्छी किताबें आई हैं। स्वप्रकाशित और नये अनजाने प्रकाशकों की भी। लेकिन हाल के समय में दो किताबें नहीं आने की खबर है। पहली किताब इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ की है जो मलयालम में लिखी गई थी। इसका नाम है, निलवु कुडिचा सिमहंगल। बताया जाता है कि इसमें चंद्रयान दो की नाकामी से संबंधित कुछ चूक का जिक्र है।
जनरल नरवणे की किताब के प्रकाशन पर ‘अघोषित’ रोक क्यों?
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025

भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का खतरा लगातार बढ़ रहा है। यह आपको यहां-वहां नजर नहीं आएगा। टीवी चैनल और अखबारों में भी नजर नहीं आएगा लेकिन जहां विवाद है, वहां नजर आएगा। देश के पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे की किताब फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी अभी तक बाजार में नहीं आई है। इस पर अघोषित रोक है। वजह लद्दाख से जुड़ी हुई है। इस मुद्दे को समझिएः