भारत और रूस (पूर्व में सोवियत संघ) के बीच की दोस्ती दशकों से वैश्विक मंच पर एक मिसाल रही है। यह संबंध न केवल रणनीतिक और सैन्य सहयोग पर आधारित था, बल्कि वैचारिक एकता और आपसी विश्वास का भी प्रतीक था। लेकिन हाल के वर्षों में, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, रूस की तटस्थता ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या भारत का अमेरिका की ओर झुकाव इसका कारण है? क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की तटस्थता रूस को खल रही है? कहीं मोदी सरकार की नीतियाँ रूस को पाकिस्तान और चीन की ओर तो नहीं धकेल रही है?
अमेरिका के फेर में रूस जैसा दोस्त न खो दे भारत!
- विश्लेषण
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- 3 Jul, 2025

भारत-अमेरिका बढ़ती नजदीकियों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत अपने पारंपरिक और भरोसेमंद सहयोगी रूस को दूर कर रहा है? जानिए रणनीतिक संतुलन और संभावित जोखिमों की पड़ताल।
ऑपरेशन सिंदूर: एक नया टकराव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद माना और 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। चार दिन तक चले इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PoK) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। इस दौरान विश्व समुदाय चिंतित रहा, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की।