विपक्ष की सरकारों में तोड़फोड़ के लिए कुख्यात हो चुकी बीजेपी के हाथ में अब एक नया शस्त्र लग सकता है। लोकसभा में बुधवार यानी 20 अगस्त को तीन ऐसे बिल पेश किये गये जिनके पास होने के बाद किसी भी विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर तलवार लटकी रहेगी। इन विधेयकों के तहत, अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिन तक जेल में रहता है, तो उसे अपने पद से हटना पड़ सकता है। कहने को इसमें प्रधानमंत्री भी हैं लेकिन किस एजेंसी में इतनी हिम्मत है कि वह प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करे? विपक्ष को आशंका है कि यह अगर क़ानून बन गया तो विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाएगा। ख़ासतौर पर अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन के साथ किये गये सुलूक के बाद ऐसी आशंकाएँ अस्वाभाविक भी नहीं हैं।