विपक्ष की सरकारों में तोड़फोड़ के लिए कुख्यात हो चुकी बीजेपी के हाथ में अब एक नया शस्त्र लग सकता है। लोकसभा में बुधवार यानी 20 अगस्त को तीन ऐसे बिल पेश किये गये जिनके पास होने के बाद किसी भी विपक्ष के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर तलवार लटकी रहेगी। इन विधेयकों के तहत, अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री लगातार 30 दिन तक जेल में रहता है, तो उसे अपने पद से हटना पड़ सकता है। कहने को इसमें प्रधानमंत्री भी हैं लेकिन किस एजेंसी में इतनी हिम्मत है कि वह प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करे? विपक्ष को आशंका है कि यह अगर क़ानून बन गया तो विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाएगा। ख़ासतौर पर अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन के साथ किये गये सुलूक के बाद ऐसी आशंकाएँ अस्वाभाविक भी नहीं हैं।
विपक्ष के मुख्यमंत्रियों को जेल भेजकर सरकार तोड़ना चाहती है मोदी सरकार!
- विश्लेषण
- |
- |
- 20 Aug, 2025
_bill_2025.png&w=3840&q=75)
संसद में विवादास्पद संविधान संशोधन विधेयक पेश।
मोदी सरकार ने संविधान संशोधन विधेयक सहित तीन बिल पेश कर देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। जानिए विपक्षी दलों का आरोप क्या है और सरकार की रणनीति क्या है?
विधेयकों में क्या है?
भारतीय राजनीति में भूचाल ला सकने वाले ये विधेयक हैं:
गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025:
केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 के तहत अभी कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने की व्यवस्था करता हो। इस बिल के जरिए धारा 45 में संशोधन कर ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जा रहा है।
130वां संविधान संशोधन बिल 2025:
संविधान में अभी कोई प्रावधान नहीं है, जो गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, या राज्यों व दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रियों को हटाने की व्यवस्था देता हो। इस बिल के जरिए अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन कर ऐसा ढांचा तैयार किया जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025:
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में भी गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान नहीं है। इस बिल के जरिए धारा 54 में संशोधन कर 30 दिन की हिरासत के बाद हटाने का नियम लाया जा रहा है।